बच्चे को ट्यूशन भेज रहे हैं तो साइकोलॉजिस्ट से जान लें उससे होने वाले नुकसान, फिर Tuition बंद कर देंगे आप

साइकोलॉजिस्ट और करियर काउंसलर पूनम सेठ मेहरा ने बच्चों को ट्यूशन भेजने के 3 बड़े नुकसान बताए हैं. साथ ही बच्चों को पढ़ाई के प्रति जिम्मेदार और होशियर बनाने का यह तरीका (Parenting Tips) आप भी आजमाइए.

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बच्चे को ट्यूशन भेज रहे हैं तो साइकोलॉजिस्ट से जान लें उससे होने वाले नुकसान, फिर Tuition बंद कर देंगे आप
Tuition bad for the child : बच्चे को ट्यूशन भेज रहे हैं, तो जान लें नुकसान.

Parenting Tips: आप भी अगर उन माता पिता में से हैं, जिन्हें लगता है कि बिना ट्यूशन (Tution) बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं हैं, तो आप  गलत भी हो सकते हैं. सिर्फ ट्यूशन जाकर ही बच्चा पढ़ाई करेगा आपकी इस सोच से बच्चे को तीन बड़े नुकसान हो सकते हैं. साइकोलॉजिस्ट और करियर काउंसलर पूनम सेठ मेहरा ने बच्चों को  ट्यूशन भेजने के तीन बड़े नुकसान बताए हैं. साथ ही बच्चों को पढ़ाई के प्रति जिम्मेदार और ब्रिलिएंट बनाने  के भी टिप्स (Parenting Tips) भी दिए हैं. आप भी जानिए क्या हैं वो नुकसान जो ट्यूशन की वजह से बच्चे को हो सकते हैं और किस  तरह ट्यूशन के बगैर आप उनका भविष्य संवार सकते हैं.

ट्यूशन जाने के नुकसान (Sideeffects of Taking Tution)

  • काउंसलर पूनम सेठ मेहरा के मुताबिक ट्यूशन जाने के बच्चे को तीन बड़े नुकसान हो सकते हैं.  पहले  नुकसान  ये कि बच्चे का सेल्फ  कॉन्फिडेंस कम होगा. बच्चे के मन में ये ख्याल आ सकते हैं कि वो खुद पढ़  या समझ नहीं सकता इसलिए उसे ट्यूशन भेजा जा रहा है.
  • दूसरा नुकसान ये होता है कि बच्चा गैर जिम्मेदार हो जाता है. उसे लगता है कि स्कूल का काम ट्यूशन में कर लेंगे. ट्यूशन का काम स्कूल में कर लेंगे. स्कूल और ट्यूशन में नहीं कर पाए तो घर पर काम कर लेंगे. 
  • तीसरा नुकसान ये है कि बच्चे में टालमटोली की आदत आ जाएगी. बच्चा ऐसा सोचने लगेगा कि आज का काम  कल पे डाल दे. वो काम आज कर लेगा या कल कर लेगा.

क्या है सही तरीका?

  • ट्यूशन से होने वाले नुकसान बताने के साथ ही काउंसलर पूनम सेठ मेहरा ने इंस्टाग्राम वीडियो में बच्चों को पढ़ाने का सही तरीका भी बताया है. काउंसलर पूनम सेठ मेहरा के मुताबिक बच्चा जैसे ही स्कूल से घर आए उसे खिला पिलाकर थोड़ा रेस्ट  करवाएं. इससे उसका माइंड रेज्युविनेट होगा.
  • इतनी देर आराम करने के बाद बच्चे को वो पढ़ने के लिए कहें जो उसने स्कूल में दिनभर पढ़ा है. बस हर सब्जेक्ट में कोशिश ये करें कि वो एक पैराग्राफ ज्यादा पढ़ा लें.
  • इसके बाद बच्चे का पूरा होमवर्क करवा लें. लगातार कुछ दिनों तक बच्चे को ऐसे ही प्रेक्टिस करवाएं. काउंसलर पूनम सेठ मेहरा का कहना है कि इसके बाद बच्चों की पढ़ाई पर आपको खुद ही असर दिखने लग जाएगा.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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