Chanting Mantra Tips From Premanand ji Maharaj : मंत्र जाप करने का भी एक खास तरीका और सलीका होता है. आमतौर पर माना जाता है कि मंत्र जाप करने के लिए एक आसन पर बैठना चाहिए. पूरा ध्यान लगाना चाहिए और फिर मंत्रों का जाप करना चाहिए. वो भी उनकी गिनती करते हुए, क्योंकि मंत्र जाप की संख्या भी 11, 21, 51, 101 या 501 जैसी संख्या (Mantra Ka Jaap Kitni Baar Karna Chahiye) में सही मानी जाती है. जो इससे भी ज्यादा हो सकती है. लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ने मंत्र जाप का एक आसान और प्रभावी तरीका भी सिखाया है. जो इस बिजी लाइफस्टाइल में और भागदौड़ भरे दिन में भी आसानी से अपनाया जा सकता है. प्रेमानंद जी महाराज (Premanand ji Maharaj Pravachan) के तरीके के अनुसार आप चलते-चलते भी मंत्र जाप कर सकते हैं. ऐसा करने से भी आपको सुख, शांति और पॉजिटिव एनर्जी महसूस होगी.
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प्रेमानंद जी महाराज से जानें चलते फिरते मंत्र जाप के फायदे - Benefits Of Chanting Mantra While Walking
मिलती है मानसिक शांतिप्रेमानंद जी महाराज अक्सर चलते-चलते भी मंत्र का जाप करते हैं. उन्होंने ही एक बार बताया कि इस तरह मंत्र जाप करने से मानसिक रूप से शांति का अनुभव होता है. इस तरह जो लोग मंत्र जाप करते हैं वो तनाव से तो दूर रहते ही हैं, उन्हें बेवजह की चिंताएं भी नहीं घेरती हैं. चलते फिरते भी मंत्रों में ध्यान लगाने वाले लोग शारीरिक रूप से कितने भी सक्रिय रहें उनका मन और चित्त शांत रहता है और एकाग्रता भी बनी रहती है.
मंत्रों के जाप से दिमाग के साथ-साथ मन को भी शांति मिलती है. प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जो लोग चलते चलते मंत्र जाप में मन लगाए रहते हैं, उनकी आत्मा भी मलीन नहीं होती. इस तरह से लोगों को आध्यात्मिक लाभ मिलता है और स्पिरिचुअल प्रोग्रेस भी होती है.
प्रेमानंद जी के अनुसार चलते-फिरते मंत्र जाप करते रहने से पॉजिटिव एनर्जी का संचार और ज्यादा बढ़ जाती है. वैसे तो एक जगह बैठकर मंत्रों में मन रमाने वालों के अंदर पॉजिटिव एनर्जी स्टोर हो जाती है. लेकिन जो लोग चलते फिरते भी मंत्रों का जाप करते रहते हैं, उनके अंदर पॉजिटिव एनर्जी फ्लो नियमित रूप से बना रहता है. ऐसे लोग खुद को ज्यादा एनर्जेटिक रखने के साथ-साथ कॉन्फिडेंट भी महसूस करते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जो लोग अपने जीवन में ज्यादा शांति और संतुलन महसूस करना चाहते हैं उन्हें नियमित रूप से मंत्र जाप भी करना चाहिए. नियमित रूप से मंत्र जाप करने वाले लोग ज्यादा एकाग्रता के साथ ध्यान लगा पाते हैं, यानी कि मेडिटेट कर पाते हैं. जिसकी वजह से उनके लिए बाकी काम करना आसान हो जाता है.
चलते फिरते मंत्र जाप करने का असर कर्मों पर भी पड़ता है. मन शुद्ध रहता है तो कर्म भी अपने आप शुद्ध हो जाते हैं. प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, इसके बाद हर समस्या का समाधान खोजना भी आसान हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)