जब भी घर पर कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे दूध पिलाने के लिए मार्केट से कई प्लास्टिक की बोतलें भी आती हैं. चाहे मां का दूध बच्चे के लिए पूरा भी हो रहा हो, लेकिन कई लोग बोतल का इस्तेमाल जरूर करते हैं. इसी प्लास्टिक की बोतल में ब्रेस्ट मिलकर भरकर बच्चे को पिलाया जाता है. वहीं जिन महिलाओं में दूध नहीं बनता है, ऐसा करना उनकी मजबूरी होती है. सभी लोगों ने बचपन से यही देखा है और उन्हें भी ऐसे ही दूध पिलाया गया तो उनके लिए ये सब नॉर्मल है, लेकिन ऐसा करना बच्चे की सेहत के लिए बुरा हो सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि बच्चे को प्लास्टिक बोतल से दूध क्यों नहीं पिलाना चाहिए.
हर घर में इस्तेमाल होती है बोतल
दूध पिलाने वाली प्लास्टिक बोतल लगभग हर घर में इस्तेमाल होती है. लोग इसे इस्तेमाल करने के बाद पानी में उबालते हैं और फिर से कई हफ्तों तक एक ही बोतल का यूज करते हैं. ये कुछ मामलों में खतरनाक साबित होता है और इससे बच्चों को कई तरह की परेशानी हो जाती है. खुद डॉक्टर भी ऐसा करने से मना करते हैं.
बच्चे को घी खिलाना कब शुरू करें? डॉक्टर ने बताया एक दिन में कितना घी खिलाना है सही
क्या होती है परेशानी?
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ इमरान पटेल ने बताया कि उनके पास कई ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को प्लास्टिक की बोतल से इंफेक्शन होता है. उन्होंने बताया कि बोतल पर कई तरह के बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे पेट में ब्लोटिंग और इंफेक्शन का खतरा रहता है. इसमें लूज मोशन के साथ-साथ खून भी आ सकता है. बोतल से दूध पिलाने पर कान का इंफेक्शन, निमोनिया और पेट का इंफेक्शन हो सकता है, इसीलिए सभी को बोतल में दूध पिलाना अवॉइड करना चाहिए.
कटोरी-चम्मच का करें इस्तेमाल
अगर बच्चे के लिए मां का दूध नहीं हो रहा है तो बोतल से दूध पिलाने क बजाय कटोरी और चम्मच का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे धीरे-धीरे दूध पिलाने की कोशिश करें. इसके अलावा अगर बोतल जरूरी है तो आप सस्ती और लो क्वॉलिटी की बोतल बिल्कुल न खरीदें, इसके अलावा एक ही बोतल का इस्तेमाल लंबे समय तक न करें और एक बार दूध पिलाने के बाद उसी बोतल से दोबारा दूध न पिलाएं, पहले इसे अच्छी तरह से उबालकर साफ कर लें.