अगर 'ना' सुनते ही रोने बिलखने लगता हैं बच्चा, तो उनकी जिद्द पर काबू करने लिए पेरेंट्स आजमाएं ये तरीका

Parenting Tips: बच्चों की जिद कम करने और उनमें सहनशीलता बढ़ाने के लिए पेरेंट्स को अपनी पेरेंटिंग शैली बदलनी होगी. 'ना' कहना सीखाना ही बच्चों को समझदार और जिम्मेदार बनाता है.

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बच्चों की जिद छुड़ाने का गुप्त मंत्र, पेरेंट्स जरूर अपनाएं ये टिप्स

How to Say No to Kids: आजकल बहुत से माता-पिता की एक ही शिकायत रहती है कि, बच्चा बहुत जिद्दी हो गया है, हर बात मनवानी है...यह सच भी है. कुछ बच्चे किसी भी चीज़ की ज़िद पकड़ लें तो बिना मनवाए चैन से बैठते ही नहीं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ऐसे बच्चों में 'ना' सुनने की क्षमता बहुत कम होती है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि पेरेंट्स थोड़े से बदलाव से बच्चे के व्यवहार में बड़ा सुधार ला सकते हैं.

तुरंत पूरी न करें डिमांड | Kids Tantrums Solutions

जब बच्चा रोकर या गुस्से में मांग करता है और आप उसे तुरंत पूरी कर देते हैं, तो यह उसकी सहनशीलता कम कर देता है. उसे इंतज़ार करना सिखाएं. धीरे-धीरे वह समझेगा कि हर मांग तुरंत पूरी नहीं हो सकती.

'ना' कहने में हिचकिचाएं नहीं | Ziddi Bachcha Kaise Sudhare

कई बार माता-पिता बच्चे को मना करते समय खुद ही गिल्टी महसूस करते हैं. यह गलती बिल्कुल न करें. यह आपकी पेरेंटिंग की असली परीक्षा है. बच्चे को सिखाएं कि हर बात के लिए 'हां' कहना संभव नहीं है.

हर बार न दें तर्क | Bacchon ki Zid

बच्चों को हमेशा समझाना ज़रूरी नहीं. कई बार सीधे और सख्त अंदाज़ में 'No' कहना ही काफी होता है। बार-बार लॉजिक देने से बच्चा कुतर्क करने लगेगा और स्थिति और मुश्किल हो सकती है.

दिल से नहीं दिमाग से सोचें |  Emotional Parenting Mistakes

बच्चा रोकर या गुस्सा करके आपकी इमोशन्स पर खेलना चाहता है. अगर आप पिघल गए तो वह और जिद्दी बनेगा. उसे यह एहसास कराना ज़रूरी है कि रोना-धोना या चिल्लाना किसी काम का नहीं.

बदलें बॉन्डिंग का तरीका | Bachchon ko Na Kehna

प्यार जताने के लिए सिर्फ गिफ्ट्स देना बंद करें. इसके बजाय बच्चे के साथ समय बिताएं, बातें करें, खेलें. जब बच्चे को यह एहसास होगा कि माता-पिता का प्यार बिना शर्त है, तो वह 'ना' को भी बेहतर ढंग से स्वीकार करना सीखेगा.

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बच्चों में क्यों जरूरी है 'ना' सुनने की आदत? | Child Discipline Tips

'ना' सुनने से बच्चे में सहनशीलता और धैर्य विकसित होता है. यह उन्हें भविष्य में मजबूत और जिम्मेदार इंसान बनने में मदद करता है, इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे को हमेशा 'हां' का आदी न बनाएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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