Parenting Tips: सोशल मीडिया से लेकर बड़ों का सम्मान करने तक, बच्चों को जरूर सिखाएं ये अच्छी आदतें

Well Manners in Kids: बच्चे बहुत सी चीजों के बारे में बिलकुल अंजान रहते हैं क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें जरूरी आदतें सिखाने में चूक जाते हैं. आप ऐसी गलती ना करें.

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Good Habits in Children: बच्चों को सोशल मीडिया और जिंदगी से जुड़ी ये सीख जरूर देनी चाहिए.

Parenting Tips: बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना और अच्छे कामों के बारे में बताना माता-पिता की जिम्मेदारी है.  तमीज (Manners) एक ऐसा शब्द है जिसके अंदर एक नहीं बल्कि कई सारी चीजें शामिल होती हैं. वैसे तो बच्चों (Children) को बचपन से ही बड़ों को सम्मान देना,  अच्छा व्यवहार करना जैसी कई चीजों के बारे में बताया जाता है ,लेकिन इस बीच पैरेंट्स (Parents) कुछ बातों का ख्याल रखना भूल जाते हैं. तो आज हम उन्हीं आदतों (Habits) की बात करेंगे जो बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है. ये आदतें बच्चों की जिंदगी को कई तरीकों से बेहतर कर सकती हैं. 

बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना | Teaching Children Good Habits

हम अपने बच्चों को थैंक्यू बोलना तो सिखाते हैं लेकिन कहीं ना कहीं ये भूल जाते हैं कि हमारे सर्विस वर्कर्स को भी थैंक यू बोलना चाहिए. बच्चे दोस्तों, रिश्तेदारों और बड़ों को तो थैंक यू बोल देते हैं लेकिन घर में काम करने वाले वर्कर्स, रेस्टोरेंट्स, थिएटर्स या ऑफिस में सर्विस देने वाले लोगों को धन्यवाद देना भूल जाते हैं. ऐसे में बच्चों को सिखाएं कि वे पद न देखें बल्कि अपने से बड़े हर उम्र के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करें और उनका शुक्रिया अदा करें. 

 वैसे तो घर-घर में बच्चों को ये सीख दी जाती है कि जब भी उन्हें खांसी या छींक आये तो वो अपने हाथ को मुंह या नाक पर रख लें ताकि कीटाणु एक दूसरे तक न फैलें. लेकिन, इन दिनों जिस तरह से कोरोना महामारी फैल रही है ऐसे में ये सिखाना बच्चों को और भी ज्यादा जरूरी हो गया है. ऐसा करने से बच्चे खुद भी सुरक्षित रहेंगे और अपने आसपास के लोगो भी खुद को सुरक्षित महसूस करवा पाएंगे. 

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फोन (Mobile Phone) आज हर किसी की जरूरत बन गई है. यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी आजकल मोबाइल देखने को मिल जाता है. ऐसे में अगर आपने अपने बच्चे को मोबाइल दिया है तो उन्हें फोन एटीकेट सिखाना भी बहुत जरूरी है. फोन एटीकेट (Phone Atticates) सिखाने से बच्चों को पता चलता है कि उन्हें कब अपना मोबाइल बंद रखना है और कब उसे साइलेंट पर रखना है. इसके अलावा उन्हें यह बताना भी जरूरी है कि अगर आप मंदिर, पार्टी या मूवी थिएटर में हैं या फिर किसी बड़े से बातचीत चल रही है तो फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आज के समय में मोबाइल बच्चों के हाथ में थमा देना ही काफी नहीं है उन्हें मोबाइल से जुड़ी आदतों के बारे में बताना भी उतना ही जरूरी है.

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बड़ों के साथ-साथ अब बच्चे भी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. ऐसे में बच्चों को सोशल मीडिया हैंडल करते वक्त भी कुछ जरूरी मैनर्स सिखाने चाहिए. जैसे अगर आपका बच्चा सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट पर एक्टिव है तो उसे बताएं कि बिना किसी की परमिशन के ना तस्वीर अपलोड करे और ना ही उसे टैग करे. इसके अलावा अपनी पर्सनल डिटेल्स ऑनलाइन कभी शेयर ना करें और ना ही ऑनलाइन ऐसा कुछ कहें जो सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं कहना चाहिए. 

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बच्चों को थैंक यू, प्लीज़ और सॉरी बोलना तो सिखा दिया जाता है लेकिन जब कोई थैंक यू बोले तो जवाब में क्या कहना है ये कम ही बच्चों को पता होता है. अक्सर देखा गया है कि जब कोई थैंक यू बोलता है तो जवाब में बच्चे ओके या नो प्रॉब्लम जैसे जवाब देते हैं, लेकिन थैंक्यू का सही जवाब यूअर वेलकम या माय प्लेजर होता है. ये बात बच्चों को पता होनी चाहिए.

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