Parenting Tips: सक्सेस के लिए कॉफिडेंस जरूरी है. बच्चों में शुरू से ही इस गुण को बढ़ावा देना चाहिए. हर पेरेंट अपने बच्चे को स्मार्ट और कॉफिडेंट बनाना चाहते हैं लेकिन ओवर पेरेंटिग के कारण आजकल के बच्चों में कॉफिडेंस की कमी आम समस्या है. इसके कारण अधिकतर पेरेंट सही पेरेंटिंग (Sahi Parenting Kaise Kare) को लेकर उलझन में रहते हैं. हाल ही में पेरेंटिंग एक्सपर्ट डॉ अनिल योगी ने अपने इंस्टग्राम अकाउंट परवरिश की पाठशाला पर बच्चों में कॉफिडेंस बढ़ाने के उपाय शेयर (Parenting Ke Tips ) किए है. बच्चों को अपने काम खुद करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. आइए जानते हैं बच्चों में कॉफिडेंस बढ़ाने के बारे में पेरेंटिंग एक्सपर्ट की क्या राय है (Bacho Me Confidence Kaise Badhaye ).
बच्चों में कैसे बढ़ाए आत्मविश्वास (How to build confidence in children)
पेरेंटिंग एक्सपर्ट डॉ अनिल योगी ने बताया कि बच्चों को अपना काम खुद करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए. उन्हें अपने लिए खरीदारी करने दें. छोटे छोटे काम खुद करने से बच्चों में फैसला लेने की क्षमता का विकास होता है. बच्चों से उनके फैसलों के बारे में बात करें और समझाएं कि इससे बेहतर क्या कर सकते थे. डॉ योगी ने कहा कि पेरेंट करे काम है बच्चों को सही समय पर सहारा देना न कि उनका हर काम कर देना. पेरेंट अगर बच्चों का हर काम और फैसला लेने लगते हैं तो उनमें कॉफिडेंस की कमी की समस्या हो सकती है.
बच्चों को सुनाएं प्रेरक कहानियां
बच्चे को स्मार्ट बनाने के लिए पेरेंट को प्रेरक कहानियां सुनानी चाहिए. उन्हें ऐतिहासिक किरदारों से लेकर जानवरों से जुड़ी कहानियां सुनाए जिनमें सूझबूझ और बहादूरी से परेशानियों का हल निकालने के उदाहरण शामिल हों. यह उन्हें किसी काम को करने के लिए प्रेरित करेंगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करेंगी.
पढ़ने की आदत लगाएं
बच्चे को स्मार्ट और कॉफिडेंट बनान के लिए उनमें पढ़ने की आदत विकसित करने की कोशिश करें. किताबें पढ़ने से बच्चे दुनिया भर की नई-नई चीजें सीख सकते हैं. बच्चों को गिफ्ट में मोटिवेशनल किताबें दें और उसे पढ़ने और उसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें.
फिजिकल एक्टिविटिज
बच्चे के मेंटल डेवलपमेंट के साथ साथ फिजिकल डेवलपमेंट पर भी ध्यान देना जरूरी है. इसके लिए बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. टीम में खेले जाने वाले खेल कॉफिडेंस बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होती है.
हर समय मदद करने से बचें
पेरेंट को हर समय बच्चे की मदद करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से बच्चे को हमेशा किसी न किसी की जरूरत महसूस होगी. यह आदत बच्चों को आगे बढ़ने में बाधक बन सकती है. ऐसे में पेरेंट्स को छोटी-छोटी बातों में आगे बढ़कर बच्चों की मदद करने से बचना चाहिए.
ध्यान से सुने बच्चे की बातें
पेरेंट को बच्चे की हर बात पर गौर करना चाहिए और उनके सवालों को जवाब देना चाहिए. अगर आप बच्चों की बातों को इग्नोर करेंगे तो उसमें अपनी बात कहने की आदत विकसित नहीं होगी जो आगे चल कर परेशानी का कारण बन सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.