Rules For Parents Child Relation : मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी (Motivational Speaker BK Shivani) जी को आज कौन नहीं जानता है. वे करियर, सही जीवन जीने और बच्चों की परवरिश करने को लेकर टिप्स देती रहती हैं. अगर आप भी पहली बार पैरेंट बने हैं या आपको अपने बच्चे की परवरिश करने में दिक्कत आ रही है, तो आपको बीके शिवानी जी के टिप्स काम आ सकते हैं. फिर होनहार बनेगा आपका बच्चा.
पेरंटिंग टिप्स | Parenting Tips
बीके शिवानी जी का कहना है कि मां-बाप को कभी भी अपने बच्चों के बीच तुलना नहीं करनी चाहिए. वहीं उनका कहना है कि हर बच्चा अपना भाग्य लेकर आया है, उसके अपने कर्म हैं और अपनी एक अलग पहचान है जिसे मां-बाप को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आप अपने सभी बच्चों को उनके व्यक्तित्व के हिसाब से पालें और उनकी एक-दूसरे से तुलना न करें. वहीं वह बताती है कि हर बच्चे की अपनी एक अलग काबिलियत, प्रतिभा और स्किल्स होते हैं और आपको अपने हर बच्चे में इन चीजों को बढ़ावा देना चाहिए. बच्चे के जो स्किल्स और टैलेंट हैं, उन्हें बढ़ावा दें और उसे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करें. आप उसके संस्कारों को और श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करें.
कई मां-बाप होते हैं जो दूसरों के सामने अपने बच्चे की शिकायतें करते रहते हैं. बीके शिवानी कहती हैं कि बच्चों के सामने आपको नेगेटिव स्टेटमेंट नहीं देने हैं. मोटिवेशनल स्पीकर शिवानी जी ने कहा कि बच्चों को लगता है कि उनके मां-बाप हमेशा सही होते हैं इसलिए पैरेंट्स की बात बच्चों के मन में बैठ जाती है और जब आप कहते हैं कि इसका दिमाग कमजोर है या इसे कुछ नहीं आता, तो बच्चें के मन में यह बात बैठ जाती है और वो ऐसा ही बनने लगता है.
यूपीएससी टीचर विकास दीव्यकिर्ति के पेरंटिंग टिप्स जानें यहां | Dr. Vikasdivyakirti share rule for parents child relation
यूपीएससी टीचर विकास दीव्यकिर्ति ने अपनी एक वीडियो में बताया है कि मां-बाप को अपने बच्चे की परवरिश करने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और अपने बच्चे के पालन-पोषण में क्या - क्या नहीं करना चाहिए. अगर आप अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश करना चाहते हैं, तो विकास जी के बताए तरीकों को अपना सकते हैं और अपने बच्चे को एक अच्छी जिंदगी दे सकते हैं. विकास जी के अनुसार मां-बाप को अपने बच्चे की तारीफ करते समय थोड़ा नापतोल रखना चाहिए. जब आपका बच्चा कोई अच्छा काम करता है, तो आपको न तो उसकी बहुत ज्यादा तारीफ करनी है और न ही उसका दमन करना है. इसका मतलब है कि आपको अपने बच्चे की अधिक तारीफ करनी है और न ही उसके अच्छे कामों को इग्नोर करना है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.