World's Biggest Roti: दाल रोटी (Roti) खाओ प्रभु के गुण गाओ. देखा जाए तो रोटी हमारे भोजन का एक अटूट और मुख्य हिस्सा है. कहीं इसे ब्रेड कहते हैं तो कहीं चपाती और रोटला. दुनिया भर में करीब 15 तरह की रोटियां बनती है. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे बड़ी रोटी की (world longest roti). जी हां ये रोटी इतनी बड़ी होती है कि एक रोटी खाकर हमारे यहां चार लोगों का पेट भर सकता है. नॉर्मल आठ रोटियों के बराबर ये एक रोटी बनती है. जी हैं, यूनेस्को (UNESCO) की कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल दुनिया की ये सबसे बड़ी रोटी आर्मेनिया में बनाई जाती है. चलिए आज इसी रोटी की कुछ खासियत और इससे जुड़ी परंपराओं पर बात करते हैं.
दुनिया की सबसे लंबी, चौड़ी और बड़ी रोटी के रूप में लवाश रोटी का नाम सबसे पहले आता है. ये आर्मेनिया में सदियों से बनाई जाती रही है. हालांकि ये रोटी केवल आर्मेनिया नहीं बल्कि अजरबैजान,तुर्की, ईरान और किर्गिस्तान जैसे देशों में भी बनाई जाती है. लवाश रोटी की बात करें तो इसे तंदूर में बनाया जाता है. ये रोटी बेहद पतली, चौकोर और लंबी चौड़ी होती है. हमारे यहां लगभग 8 तवा रोटियों के बराबर एक लवाश रोटी होती है. इसके आटे को तैयार करते समय उसमें खमीर उठाया जाता है और फिर इसे तंदूर में पकाया जाता है. लवाश काफी हद तक रुमाली रोटी की तरह होती है बस उसका आकार काफी बड़ा होता है. इसे रोल करके, पैक करके भी एक दूसरे के घर भेजा जाता है. कई लोगों का कहना है कि लवाश रोटी आर्मेनिया नहीं बल्कि ईरान में सबसे पहले बनाई गई. हालांकि इसकी उत्पत्ति को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं लेकिन यूनेस्को की लिस्ट में इसे आर्मेनिया की देन कहा गया है.
लवाश के लिए जब आटा तैयार किया जाता है तो पहले उसमें खमीर उठाया जाता है. आटे में नमक, चीनी और यीस्ट मिलाया जाता है. इसे बड़े आकार में बेला जाता है और बेलते समय इसमें तिल और अफीम के बीज डाले जाते हैं. इसके बाद हाथो की मदद से फैला कर बड़ा किया जाता है और फिर तंदूर में डाला जाता है. आपको बता दें कि बड़ी होने के चलते ये रोटी बनने के तुरंत बाद खाने में नर्म लगती है. कुछ समय बाद ये टूटने लगती है. इसलिए इसे खास रैपिंग पेपर में फोल्ड करके रखा जाता है. आर्मेनिया में जगह जगह दुकानों पर रैप लवाश रोटी मिलती है और आप इसे साल भर तक आराम से खा सकते हैं. आर्मेनिया के गांवों में लोग लवाश रोटी को एक के ऊपर एक रखकर इस पर पानी छिड़क देते हैं. इससे ये नर्म हो जाती है और फिर इसे खाया जाता है. मध्य पूर्व देशों में इस रोटी को कबाब आदि के साथ खाया जाता है. कुछ देशों में लवाश को डिश के रूप में भी तैयार करके खाया जाता है.