World Book And Copyright Day 2025: किताबों को न केवल सबसे अच्छा दोस्त बल्कि एक अच्छा सलाहकार कहा गया है. किताबें (Books Importance in Life) न केवल हमें इतिहास बताती हैं, बल्कि इनकी मदद से हमारा ज्ञान, कल्पना, लॉजिक और मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है. देखा जाए तो किसी भी तरह की किताब सोचने और समझने की क्षमता में इजाफा करती हैं. नए दौर में टीवी और मोबाइल के आने से भले की किताबों को पढ़ने में लोगों की दिलचस्पी कम हुई है लेकिन फिर भी किताबें अब भी हमारी सबसे अच्छी दोस्त (international book day) बनी हुई हैं. किताब पढ़ने के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए हर साल 23 अप्रैल को दुनिया भर में वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों में किताब पढ़ने के लिए उत्साह और जागरूकता पैदा करना है. इस दिन दुनिया भर में तरह तरह के कार्यक्रम (world book and copyright day activities) होते हैं जिनके जरिए किताबों का महत्व बताया जाता है और साथ ही किताबों के कॉपीराइट के अधिकारों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है. चलिए जानते हैं कि वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे का (world book and copyright day theme 2025) क्या महत्व है और इससे जुड़े कई रोचक तथ्य.
किताबें क्यों हैं हमारी सबसे अच्छी दोस्त (Know Books Importance in Life)
एक किताब इंसान को सही और गलत की पहचान कराती है. बचपन में सबसे पहले हाथ में किताब जब आती है तो भाषा का ज्ञान होता है. किताबों के जरिए ही दुनिया भर की समझ इंसान को सक्षम बनाती है. इनको पढ़ने से न केवल एजुकेशन मिलती है बल्कि मेंटल हेल्थ भी इंप्रूव होती है. किताबें इमोशनल डेवलपमेंट के लिए जरूरी कही जाती हैं. पंचतंत्र की कहानियां हो या फिर सिंड्रेला की कहानी, हर किताब एक जरूरी संदेश देती है. ये किताबें ही हैं जो हमें बाहरी दुनिया से परिचित कराती हैं. किताबों से न केवल सामाजिक विकास होता है बल्कि इससे पारिवारिक बॉन्ड भी मजबूत होता है. इनकी मदद से फोकस इंप्रूव होता है और ब्रेन एक्टिव होता है.
कब और क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे (when and why World Book And Copyright Day celebrated)
किताबों के महत्व को बताने के लिए हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे मनाया जाता है. इस दिन दुनिया के लगभग हर देश में किताबों का मेला लगता है. इस मेले में लेखक और पब्लिशरों के साथ साथ पाठकों को भी एक साथ आने का मौका मिलता है. देखा जाए तो इस दिन का खास मकसद किताबों और शिक्षा के महत्व के प्रति जनता को जागरूक करना है. वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे विश्व भर में साहित्यकारों, लेखकों, और पाठकों को आपस में जोड़ता है. इस दिन लेखकों को सम्मानित किया जाता है और ढेर सारी नई किताबें सामने आती हैं. देखा जाए तो ये दिन न केवल पढ़ने बल्कि लिखने के लिए भी प्रेम पैदा करने को उत्साहित करता है. बच्चों में नियमित रूप से पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए लाइब्रेरी में तरह तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं. इसके साथ साथ स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में भी कई प्रोग्राम होते हैं.
वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे किसने शुरू किया था (Who Inciate World Book And Copyright Day)
वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को ने की थी. आपको बता दें कि यूनेस्को एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एजुकेशन, साइंस और कल्चर को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. यूनेस्को ने किताबों को पढऩे की आदत को बढ़ाने और कॉपीराइट के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 1995 में पेरिस में संगठन की आमसभा में 23 अप्रैल को इस दिन को मनाने का घोषणा की थी. आप सोच रहे होंगे कि इस दिन के लिए 23 अप्रैल ही क्यों चुना गया. आपको बता दें कि 23 अप्रैल को दुनिया के तीन महान लेखकों की पुण्यतिथि होती है, पहले शेक्सपियर, दूसरे सर्वातेस और तीसरे गार्सिलासो. इसलिए इस दिन के साहित्यिक महत्व को देखते हुए 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे मनाने की घोषणा की गई.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.