सर्दियों के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों की भरमार होती है. पालक, मेथी, सरसों, बथुआ... इतनी कि और नाम गिनते गिनते आप थक जाएंगे. ये पत्तेदार सब्जियां स्वाद में जितनी अलग अलग हैं, इनसे मिलने वाला पोषण भी उतना ही खास है. दिलचस्प बात ये है कि इन सब्जियों को अलग-अलग तरह से पका कर खा सकते हैं. हेल्थ कॉन्शियस हैं तो इनकी सादी सब्जी खाना फायदेमंद है. पूड़ी, कड़ी, भजिए और पराठों के रूप में भी इनका सेवन किया जा सकता है. सुबह सूप बनाकर पिएं तो भी इनके फायदे कम नहीं होते. सर्दियों में सेहत के लिए फायदेमंद साग के फायदे बहुत हैं.
हरी सब्जियों के फायदे | pattedar sabji khane ke fayde
मेथी
छोटे हरे पत्ते वाली मेथी के स्वाद में हल्का सा कड़वापन होता है. यही कड़वापन मेथी को गुणों की खान बनाता है साथ ही इसके स्वाद को बाकी सागों से अलग करता है. तासीर में गर्म मानी जाने वाली मेथी पूड़ी, पराठे में बनकर भी स्वादिष्ट लगती है और आलू मेथी की सब्जी की तो बात ही कुछ और है. मेथी में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, जिंक, कॉपर, फोलिक एसिड जैसे तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं. पेट के लिए भी ये फायदेमंद है.
पालक
मेथी से उलट पालक की पत्तियां बड़ी बड़ी होती है. हर बड़ी पत्ती में ढेर सारा पोषण होता है. पालक में आयरन की मात्रा अच्छी होती है जिसकी वजह से ये एनीमिया जैसी तकलीफ में फायदेमंद है. इसके अलावा आंखों की सेहत के लिए भी पालक का सेवन करना चाहिए. प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर पालक से डाइजेशन भी अच्छा रहता है. कब्ज के लिए भी पालक रामबाण इलाज है.
चौलाई
दो तरह की चौलाई बाजार में उपलब्ध होती है. एक लाल और एक हरी. हरी चौलाई में भी अक्सर थोड़ी लाल लकीरें नजर आ ही जाती हैं. चौलाई में विटामिन सी होता है साथ ही कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है. इस साग के सेवन से शरीर में कई तरह के मिनरल्स की कमी पूरी होती है.
सरसों
सरसों का साग हो साथ में मक्के की रोटी का नाम आ ही जाता है. वैसे मक्के की रोटी न हो तो भी सरसों का साग जरूर खाएं. ये साग भी तासीर में गर्म होती है. यही वजह है कि इसे सर्दियों में खाना फायदेमंद होता है. इसके अलावा इसमें विटामिन बी12, सी, डी और मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में होता है. पाचन को बेहतर रखने में सरसों भी काफी कारगर है.
सुआ
सुआ की साग बाकी सागों से सबसे अलग नजर आती है. ये एकदम बारीक पत्तों की साग होती है. जिसकी महक भी थोड़ी तीखी होती है. अपने गुणों के चलते ये साग भी तासीर में गर्म होती है. जिसकी वजह से सर्दियों में इसे खाना फायदेमंद माना जाता है. सुआ की साग को पालक के साथ मिलाकर पकाया जाता है. ये कॉम्बिनेशन दोनों ही सागों का स्वाद बढ़ाता है. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. जो अलग अलग संक्रमणों से बचाव करते हैं.
बथुआ
बथुआ की साग उन लोगों के लिए लाभकारी है जो यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं. गुर्दे यानि कि किडनी की समस्या में भी बथुआ खाना फायदेमंद होता है, खासतौर से पथरी होने पर. बथुआ की कढ़ी, रायता, पूरी या सब्जी बनाकर खाई जा सकती है.