Parenting Tips: बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे उनकी जरूरतें भी बदलती जाती हैं. बच्चों को पॉकेट मनी की भी जरूरत पड़ने लगती है. ऐसे में माता-पिता बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं. इस स्थिति में बच्चों को रुपयों की वैल्यू और मनी मैनेजमेंट (Money Management) के बारे में सिखाना जरूरी हो जाता है. जैसे, जब बच्चों को पॉकेट मनी मिलती है तो आपको देखना है कि वे उन्हें खर्च करने पर जोर देते हैं या बचत करने पर. पॉकेट मनी (Pocket Money) इस बात में भी आपकी मदद करती है कि आपका बच्चा किस तरह से सोचता है. आइए जानते हैं कि पॉकेट मनी देने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना है. अगर आप इन जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो बच्चे पैसों के लिए लड़ना-झगड़ना भी शुरू करने लगते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए पहले ही सावधानी बरत लेनी चाहिए.
बच्चों को पॉकेट मनी कब देना शुरू करें, इसके बारे में कोई नियम नहीं हैं. बच्चों के हाथ में पॉकेट मनी देने से वे पॉकेट मनी को सही से मैनेज करना सीख सकते हैं. बच्चों को समझाएं कि पैसा बचाना महत्वपूर्ण है और इसे पूरा खर्च नहीं करना है और आज अपना सारा पैसा खर्च करने का मतलब है कि अगले महीने तक और कुछ नहीं मिलेगा.
यह आपकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है और जो आपको उचित लगता है. ध्यान रखें कि आपका परिवार बजट क्या अनुमति देता है और आपका बच्चा कितने साल का है उसके अनुसार ही रुपए तय करें.
- बच्चे को समझाएं कि पॉकेट मनी उसके किसी विशेष खेल या खिलौने के लिए बचत हो सकती है.
- वीकेंड पर कोई स्पेशल आउटिंग में काम आ सकती है.
- भाई बहनों और परिवार के दूसरे सदस्यों के लिए उपहार लिए जा सकते हैं.
- यानी पॉकेट मनी का प्रबंधन आपके बच्चे के लिए जिम्मेदारी और स्वतंत्रता की भावना विकसित करने का एक शानदार तरीका है.
- पॉकेट मनी मिलने से कुछ बच्चे काम करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं.
- यदि आप पॉकेट मनी को कामों से जोड़ने का निर्णय लेते हैं, तो कामों को नियमित करना एक अच्छा विचार है - उदाहरण के लिए, दैनिक या साप्ताहिक रूप से बेडरूम की सफाई करना या प्रत्येक सप्ताह कूड़ेदानों को बाहर निकालना. इससे आपके बच्चे को पैसे कमाने (Earning) के लिए काम करने की आदत हो जाती है.
- यदि आप काम के लिए पॉकेट मनी देना चुनते हैं, तो कामों को स्पष्ट रूप से समझाएं ताकि कोई भ्रम या सौदेबाजी न हो कि क्या करना है और कब करना है.
- अपने बच्चे को समझाएं कि पॉकेट मनी किस लिए है और किस लिए नहीं.
- उन्हें समझाएं कि पॉकेट मनी के साथ खर्च और बचत (Saving) दोनों का सामंजस्य रखना होता है.
- अन्य माता-पिता क्या कह सकते हैं, इस पर ध्यान दिए बिना पॉकेट मानी तय करें.
- हर बार एक निर्धारित दिन पर ही बच्चों को पॉकेट मनी दें. साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक किसी भी अवधि का चयन कर सकते हैं.
- अपने बड़े बच्चे की पॉकेट मनी सीधे उनके बैंक खाते में जमा करें. इससे उन्हें डिजिटल पैसे से परिचित होने और एटीएम कार्ड का उपयोग करने के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है.
- बच्चे बचत करने के लिए प्रेरित महसूस कर सकते हैं यदि वे अपने पैसे को बढ़ते हुए देखते हैं.