Food Habits for Longevity: कई किताबों में जापान के लोगों की औसत आयु दुनिया भर में सबसे ज्यादा बताई गई है. जापान के लोग औसतन सबसे ज्यादा समय तक जिंदा रहने के साथ-साथ बीमार पड़ते हैं. स्टडीज के मुताबकि, खानपान के तौर तरीकों की वजह से वहां के लोगों में हार्ट अटैक, कैंसर, कोलेस्ट्रोल और हाइपरटेंशन जैसी समस्या कम देखने को मिलती है. वहीं हमारे देश में औसत आयु 65 वर्ष के आसपास है और अक्सर लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहते हैं. कोलेस्ट्रोल और हाइपरटेंशन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर आप कम बीमार पड़ना चाहते हैं और लंबे समय तक खुद को जवान रखना चाहते हैं तो खानपान में जरूरी बदलाव करें. आज हम आपके साथ खानपान से जुड़ा 5 जापानी सीक्रेट शेयर करने जा रहे हैं.
शुगरी ड्रिंक्स और स्टार्च फूड का कम सेवन
चीनी, फल और आलू जैसे फूड आइटम्स के अंदर नेचुरल शुगर और स्टार्च की मात्रा अधिक होती है. जो लोग ग्लूकोज को ढंग से पचान नहीं पाते हैं, इस तरह के फूड आइटम्स उनका जीवन छोटा कर देते हैं. लंबा और निरोगी जीवन जीना चाहते हैं तो शुगरी ड्रिंक्स और ज्यादा स्टार्च वाले फूड आइटम्स से दूरी बनाना शुरू करें.
मछली और सीफूड
जापानी लोग सीफूड और मछली ज्यादा खाते हैं. मछली और कई तरह के सीफूड में पॉलीअनसैचुरेटेज फैटी एसिड होता है जो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके अलावा ये फूड आइटम्स प्रोटीन और ओमेगा फैटी एसिड के भी अच्छे स्रोत हैं. इस तरह के हेल्दी फैट वाले फूड आइटम्स को डाइट में शामिल करने से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
दूध वाली चाय के बजाए पिएं ग्रीन टी
भारत ही नहीं जापान में भी लोग खूब चाय पीते हैं, लेकिन जापानी लोग भारतीय की तरह दूध वाली चाय नहीं पीते हैं. वहां के ज्यादातर लोग ग्रीन टी का ही सेवन करते हैं जिसमें चीनी नहीं होती है. ग्रीन टी में एंटी एजिंग गुण मौजूद होते हैं, इसीलिए अगर आप जवां और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो दूध और चीनी वाली चाय को छोड़ कर ग्रीन टी पीना शुरू करें.
सोयाबीन है फायदेमंद
वेजिटेरियन लोगों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है. सोयाबीन में पाया जाने वाला आइसोफ्लेवोन्स एंटी कार्डियोवैस्कुलर और एंटी कैंसर होता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है. जापान में स्वास्थ के लिए फायदेमंद साबित होने वाला सोयाबीन ज्यादा खाया जाता है.
रेड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स का कम सेवन
रेड मीट, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे फूड आइटम्स में सैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होती है जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, फैटी लिवर और दिमाग संबंधी बीमारियों के खतरा भी बढ़ जाता है. स्टडीज के मुताबिक, जापानी लोग अपनी डाइट में रेड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स को कम शामिल करते हैं. स्वस्थ और लंबे जीवन का यह सीक्रेट आप भी अपना सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.