खाने में घी का तड़का लगाना सही है या गलत, 99% जानते ही नहीं है सही जवाब, आज से बदल जाएगा खाना बनाने का तरीका

घी का उपयोग हम कितने दिन कर सकते हैं? समझना जरूरी है कि घी में तड़का लगाने के फायदे और नुकसान क्या हैं, ये हमारे पाचन और स्वास्थ्य पर कैसे असर डालता है और आयुर्वेद की इसमें क्या राय है.

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क्या मैं रोज खाना बनाने के लिए घी का उपयोग कर सकता हूं?

Ghee Ka Tadka: भारतीय खाने की असली पहचान है उसका तड़का. दाल, कढ़ी हो या सब्जी हो, उनमें तड़का लगते ही पूरा घर खुशबू से भर जाता है और भूख दोगुनी हो जाती है. लेकिन अक्सर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि तड़का घी (Ghee Ka tadka Lagana Chahiye Ya Nahi ) में लगाना चाहिए या तेल में? कुछ लोग मानते हैं कि घी का तड़का सेहत के लिए बेहतर है, वहीं कुछ इसे कोलेस्ट्रॉल और मोटापे का कारण बताते हैं. ऐसे में समझना जरूरी है कि घी में तड़का लगाने के फायदे और नुकसान क्या हैं, ये हमारे पाचन और स्वास्थ्य पर कैसे असर डालता है और आयुर्वेद की इसमें क्या राय है.

घी में तड़का लगाने के फायदे और नुकसान (Ghee Ka Tadka Is Good Or Bad For Health)

घी में तड़का लगाने के फायदे

घी को भारत में सदियों से सुपरफूड माना जाता है. आयुर्वेद में इसे ओज, बल और दीर्घायु देने वाला बताया गया है.
• घी में तड़का लगाने से भोजन का स्वाद और सुगंध बढ़ जाती है.
• घी आसानी से पच जाता है और शरीर को तुरंत एनर्जी देता है.
• इसमें विटामिन A, D, E और K मौजूद रहते हैं, जो हड्डियों और आंखों के लिए फायदेमंद हैं.
• घी में तड़के से बनने वाला भोजन पाचन शक्ति को बेहतर करता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचाता है.
• बच्चों और बुजुर्गों के लिए घी में बना तड़का पोषण देने वाला और हल्का माना जाता है.

घी में तड़का लगाने के नुकसान

जहां फायदे हैं, वहीं कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं.
• घी का स्मोक पॉइंट (धुआं बनने का तापमान) तेल की तुलना में थोड़ा कम होता है. ज्यादा गरम करने पर ये जल सकता है और हानिकारक तत्व पैदा कर सकता है.
• ज्यादा मात्रा में घी का तड़का खाने से मोटापा और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
• हार्ट प्रॉब्लम या ब्लड प्रेशर वाले लोगों को सीमित मात्रा में ही घी का सेवन करना चाहिए.
• गर्मियों के मौसम में ज्यादा घी का तड़का शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है.

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घी और तेल में तड़का लगाने का अंतर

• तेल (खासकर रिफाइंड ऑयल) ज्यादा तापमान पर भी स्थिर रहता है, जबकि घी जल्दी जल जाता है.
• सरसों, तिल या मूंगफली का तेल भी सेहत के लिए ठीक माने जाते हैं, लेकिन रिफाइंड ऑयल के मुकाबले घी ज्यादा प्राकृतिक और पौष्टिक है.
• स्वाद की बात करें तो घी में बना तड़का अधिक सुगंधित और लाजवाब लगता है.
आयुर्वेद की राय: कब और कैसे लगाना चाहिए तड़का?
आयुर्वेद के अनुसार, घी का तड़का तभी लगाना चाहिए जब उसे मध्यम आंच पर पकाया जाए.
• घी को तेज आंच पर न जलाएं. हल्का गरम करके उसमें जीरा, हींग, सरसों या करी पत्ता डालकर तुरंत दाल-सब्जी में मिलाएं.
• पाचन कमजोर हो तो घी में बना तड़का बेहद फायदेमंद माना गया है.
• जिन लोगों को दिल की बीमारी, मोटापा या हाई कोलेस्ट्रॉल है, वो डॉक्टर की सलाह से ही नियमित घी का सेवन करें.
• ठंड के मौसम में घी का तड़का ज्यादा लाभकारी होता है, क्योंकि ये शरीर को ताकत और गर्मी देता है.

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