Diabetes And Ghee: डायबिटीज एक ऐसी लाइफस्टाइल बीमारी है जो आजकल बहुत तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इस बीमारी में मरीज को सबसे ज्यादा अपनी डाइट यानी खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना पड़ता है. अगर खानपान सही न हो तो ब्लड शुगर का स्तर अचानक बढ़ सकता है और शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टर हमेशा सलाह देते हैं कि डायबिटीज के मरीज मीठी और हाई कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से परहेज करें. यही वजह है कि इस बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर कई तरह के खाने-पीने की चीजें छोड़ देते हैं. लेकिन ऐसे में मन में सवाल आता है कि क्या डायबिटीज में घी का सेवन करना ठीक है और खासतौर पर भैंस के दूध से बना घी शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक.
क्या डायबिटीज में खा सकते हैं भैंस का घी? (Can Diabetic Patients Eat Buffalo Ghee?)
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज के मरीज भैंस के दूध से बने घी का सेवन कर सकते हैं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) शून्य होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट नहीं पाया जाता. यानी इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता. हालांकि इसमें गाय के घी की तुलना में ज्यादा सैचुरेटेड फैट होता है. ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीज इसे सीमित मात्रा में ही खाएं. इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहेगा और दिल भी हेल्दी रहेगा.
भैंस के घी के फायदे (Benefits of Buffalo Ghee)
एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant Properties)
भैंस के घी में सीएलए (Conjugated Linoleic Acid) ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है. यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है.
विटामिन्स से भरपूर (Rich in Vitamins)
इसमें विटामिन A मौजूद होता है जो आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है. विटामिन E लिवर की सेहत को मजबूत करता है. वहीं विटामिन K हड्डियों को मजबूत बनाने और फ्रैक्चर के खतरे को कम करने में मदद करता है.
पोषक तत्वों का एब्सर्पशन (Better Nutrient Absorption)
भैंस का घी शरीर को विटामिन और मिनरल्स को अच्छे से अवशोषित करने में मदद करता है.
सावधानी जरूरी (Precaution is Important)
भैंस का घी सेहत के लिए फायदेमंद तो है लेकिन इसमें फैट भी काफी ज्यादा होता है. ज्यादा खाने से वजन तेजी से बढ़ सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीज इसे सीमित मात्रा में ही खाएं.