Boost Kids Brain Power: आजकल हर माता-पिता की एक आम चिंता है. वो ये कि बच्चों का पढ़ाई में ध्यान न लगना और चीज़ें जल्दी भूल जाना. मोबाइल, टीवी और गेम्स जैसे कई तरह के डिस्ट्रैक्शन (mobile ki lat kaise chhode) के कारण बच्चे अक्सर पढ़ाई या किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाते. इसका असर न सिर्फ उनकी पढ़ाई पर बल्कि नई चीज़ें सीखने और याद रखने की क्षमता पर भी पड़ता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ आसान आदतें (Tips To Boost Memory Power) और एक्सरसाइज बच्चों की याददाश्त को मजबूत बना सकती हैं और जिनका गणित विषय कमजोर है, उनके लिए भी फायदेमंद है.
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ऐसे बढ़ाएं बच्चों की दिमागी ताकत (Tips To Improve Kids Brain Power)
दिमाग के विकास का असर
याददाश्त दिमाग के उस हिस्से से जुड़ी है जिसे हिप्पोकैम्पस कहा जाता है. ये दिमाग का छोटा सा हिस्सा हमारी शॉर्ट टर्म मेमोरी को लॉन्ग टर्म मेमोरी में बदलने का काम करता है. बच्चों के शुरुआती सालों में दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है. इसलिए अगर इस समय उन्हें सही मानसिक और शारीरिक गतिविधियां दी जाएं तो उनकी मेमोरी और भी तेज हो सकती है. शोध भी बताते हैं कि पज़ल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग और खेलों से बच्चों की वर्किंग मेमोरी बेहतर होती है.
किन बातों का रखें ध्यान?
• नींद – अच्छी नींद से दिमाग नई सीखी हुई जानकारी को सुरक्षित रखता है.
• पोषण – ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट दिमाग के विकास में मदद करती है.
• भावनात्मक स्थिति – तनाव और चिंता याददाश्त को कमजोर कर देते हैं. बच्चों के लिए मेडिटेशन और रिलैक्सेशन बेहद जरूरी है.
बच्चों की याददाश्त बढ़ाने के तरीके
1. मेमोरी गेम्स और दिमागी गतिविधियां
बच्चों के साथ जिग्सॉ पजल्स, मेमोरी कार्ड गेम्स, चेस और ‘साइमन सेज़' जैसे खेल खेलें. ये खेल उनकी विज़ुअल और ऑडिटरी मेमोरी को बेहतर बनाते हैं. शब्दों के खेल और क्रॉसवर्ड भी शब्दावली और याददाश्त को मज़बूत करते हैं.
खेल और एक्सरसाइज से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. एक स्टडी में पाया गया कि नियमित व्यायाम हिप्पोकैम्पस को मजबूत बनाता है. फुटबॉल, बास्केटबॉल जैसे खेल बच्चों को रणनीतिक सोच और कोऑर्डिनेशन सिखाते हैं. डांस और मार्शल आर्ट्स में मूवमेंट पैटर्न याद करना उनकी मेमोरी और बेहतर करता है.
योग बच्चों का मन शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है.
• सर्वांगासन – दिमाग में रक्त संचार बढ़ाता है.
• पद्मासन – नर्वस सिस्टम को शांत करता है.
• भुजंगासन और पश्चिमोत्तानासन – मानसिक स्पष्टता और मेमोरी में सहायक हैं.
मेडिटेशन की भी सरल तकनीकें अपनाई जा सकती हैं. जैसे अनुलोम-विलोम या सम व्रत्ति प्राणायाम (बराबर समय तक सांस लेना और छोड़ना). छोटे बच्चों के लिए कैंडल गेज़िंग यानी दीपक की लौ को देखकर ध्यान लगाना भी बहुत प्रभावी है.
• सुबह 10 मिनट योगासन, उसके बाद 5 मिनट मेडिटेशन.
• दिन में कम से कम एक बार पज़ल या मेमोरी गेम.
• साथ ही रोजाना 30-40 मिनट का आउटडोर खेल ही बच्चों की दिमागी क्षमता को काफी हद तक बढ़ा सकता है.