Hindi Diwas Speech: कहते हैं ना भाषा से ही एक व्यक्ति की पहचान होती है. और हमारी पहचान हिंदी (hindi) से है क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है. ये इस भाषा का ही प्रभाव है जो देश के विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोई हुई है. आज 14 सितंबर का दिन इसी हिंदी भाषा (hindi language) को समर्पित है. ऐसे में कई हिंदी प्रेमी हिंदी भाषा के महत्व (importance of hindi language) को बताने और इसके मान सम्मान को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस (hindi diwas) पर भाषण देते हैं. लेकिन हिंदी भाषा का हमारे जीवन में जितना महत्व है, ऐसे में लोग एक अच्छे स्पीच (hindi diwas speech) की तलाश में होते हैं जिससे उनके भाषण से हिंदी भाषा का गौरव और भी बढ़ जाए. अगर आप इस उलझन में पड़े हैं , तो अब आपको सोचने की जरूरत नहीं है, यहां आपके लिए एक ऐसा भाषण तैयार किया गया है जिसे बोलने के बाद आपसे हर कोई कहेगा की तुमसे बड़ा मातृभाषा प्रेमी और कोई नहीं.
ऐसे करें स्पीच की तैयारी | Prepare for speech like this
श्लोक या विचार से करें शुरुआत
तथ्यों में कोई गलती ना करें
आवाज रखें बुलंद
शारीरिक हावभाव है जरूरी
अंत रखें दमदार
हिंदी दिवस पर ये दें भाषण | Hindi Diwas Speech
बाकी भाषा को मैंने महज किताबों में रखा
हिंदी को सब जगह अपने भावों में रखा
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण एवम मेरे प्यारे सहपाठियों. सबसे पहले आप सभी को हिंदी दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं. आज मैं बहुत खुश हूँ कि इस पावन अवसर पर मुझे कुछ कहने का अवसर मिला. जैसा कि हम जानते हैं कि आज हम सभी यहाँ हिंदी दिवस का मान सम्मान और हमारे जीवन मे इसके महत्व को समझने के लिए इकठ्ठा हुए हैं. तो एक बार फिर मैं आप सभी को हिंदी दिवस की ढेरों शुभकामनाएं देता/देती हूँ.. आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है क्योंकि आज ही वो दिन है जब 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। और तब से प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. मेरा ये कहना गलत नहीं होगा कि हर भारतीय के लिए आज का दिन बहुत खास होता है. चाहे फिर वो भारत में रहे या प्रवासी भारतीय हो. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था कि जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता. इसी पर एक शेर याद आ रहा है कि हिंदुस्तान की है शान हिंदी, हर हिंदुस्तानी की है पहचान हिंदी, एकता की अनुपन परंपरा है हिंदी, हर दिल का अरमान है हिंदी. दुनियाभर में हिंदी का क्या महत्व इसका पता इस बात से पता लगाया जा सकता है कि दुनियाभर के 170 से अधिक विश्विद्यालयों में हिंदी एक भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है. और 20 से अधिक देशों में बोली जाती है. आपसी भाईचारे और संचार को बनाए रखने के लिए हिंदी जरूरी है. इससे हमारे विचारों का आदान-प्रदान होता है. हिंदी से हमारे समाज और हमारे देश का निर्माण हुआ है.
अंत में मैं अपने बातों को विराम देते हुए बोलना चाहूंगी कि हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है. यह मातृभूमि पर मिटने की व्यक्ति है. इसी के साथ मैं अपने बातों को विराम देता/देती हूं. (प्रस्तुति- रौशनी सिंह)