दिवाली के त्योहार को खुशियों और रोशनी का त्योहार माना जाता है. इसके लिए लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं और साफ-सफाई करते हैं. इस खास दिन पर दीप जलाए जाते हैं और अपनों के घर मिठाई या तोहफे बांटे जाते हैं, लेकिन यही मिठाई आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है. त्योहारों के मौके पर ही मिठाई में सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है और ये जहर गलती से आपके घर तक भी पहुंच सकता है. आइए जानते हैं कि आप कैसे नकली जहरीली मिठाई की पहचान कर सकते हैं और इसके खतरे से कैसे बचा जा सकता है.
सबसे पहले इस चीज का रखें ध्यान
कई लोग सस्ते के चक्कर में गली-मोहल्ले में खुली दुकान से मिठाई खरीद लेते हैं, लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. इन दुकानों में हाईजीन से लेकर मिलावट का खतरा होता है. हमेशा कोशिश करें कि किसी अच्छी या साफ सुथरी दुकान से ही मिठाई खरीदें. जिस दुकान पर थोड़ा भी शक हो, वहां से मिठाई बिल्कुल न खरीदें.
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कैसे होती है मिलावट?
पहले ये जान लेते हैं कि मिठाइयों में कैसे मिलावट की जाती है. दरअसल त्योहारों पर मिठाई की डिमांड को देखते हुए इसमें नकली मावा, नकली केमिकल वाले कलर, सिंथेटिक डेयरी प्रोडक्ट और पाम ऑयल जैसी चीजें मिलाई जाती हैं. इससे कम लागत पर ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश होती है. इस मिलावट से आप बीमार पड़ सकते हैं और ये किसी जहर से कम नहीं है.
कैसे करें नकली और असली की पहचान?
- अगर कोई मिठाई ज्यादा रंग वाली नजर आ रही है तो उसे लेने से बचें, क्योंकि इसमें सिंथेटिक कलर का इस्तेमाल हो सकता है.
- आमतौर पर सूंघने से भी पता चल जाता है कि मिठाई में क्या इस्तेमाल किया गया है, अगर इसे पाम ऑयल या डालडा में बनाया गया है तो इसकी गंध थोड़ी अलग आएगी.
- आप हाथ पर रखकर भी इसका टेस्ट कर सकते हैं. मिठाई के एक टुकड़े को उंगलियों से मसलकर देखें, अगर तेल बहुत ज्यादा आ रहा है तो समझ जाएं कि मिठाई घी से नहीं बनी है.
- मिठाई को टेस्ट करके भी जरूर देखना चाहिए, अगर इसमें किसी भी तरह की खटास आ रही है या फिर टेस्ट अलग है तो ये नकली हो सकती है.
- गर्म पानी में डालकर भी आप मिठाई का टेस्ट कर सकते हैं. अगर ऐसा करने पर मिठाई का रंग निकल रहा है या फिर झाग निकलता है तो ये मिठाई नकली हो सकती है.