Best Dal Soaking Tips: भारतीय थाली में दाल सिर्फ एक डिश नहीं बल्कि पोषण का पावरहाउस है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दाल को बिना भिगोए पकाना आपकी सेहत और स्वाद दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है? दाल को सही समय तक भिगोना न केवल पाचन आसान करता है, बल्कि गैस, पेट फूलना और अपच जैसी दिक्कतों से भी बचाता है.
कौन-सी दाल कितनी देर भिगोनी चाहिए? | Dal Soaking Time
- मूंग दाल और मसूर दाल 30 मिनट से 1 घंटा.
- मसूर दाल- इसे भी 30 मिनट से 1 घंटे भिगोना पर्याप्त है.
- अरहर (तूर) दाल- स्वादिष्ट लेकिन देर से पकने वाली दाल. इसे कम से कम 2 घंटे भिगोना चाहिए.
- चना दाल- मोटी और कठोर दाल है. इसे भिगोने के लिए 3 से 4 घंटे का समय दें.
- राजमा 6–8 घंटे या रातभर.
- भिगोने से दाल का टेक्सचर नरम हो जाता है और पकाने में कम समय लगता है.
- काली उड़द दाल (दाल मखनी वाली)- इसको पकाना सबसे मुश्किल होता है. इसे 6 से 8 घंटे या रातभर भिगोना बेहतर रहता है.
- राजमा और चना (काबुली चना)- भले ही ये दालें नहीं, लेकिन हर घर में बनती हैं. इन्हें रातभर (8 घंटे) भिगोना जरूरी है.
दाल भिगोना क्यों जरूरी है? | Why Soaking is Important
दालों में फाइटिक एसिड और लेक्टिन जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो पचने में मुश्किल पैदा करते हैं. भिगोने से ये घटक बाहर निकल जाते हैं और दाल ज्यादा लाइट और डाइजेस्टिव हो जाती है.
गैस और पेट फूलने से राहत | Relief from Gas
- कई लोगों को दाल खाने के बाद गैस की समस्या होती है. इसका बड़ा कारण है बिना भिगोए दाल पकाना.
- भिगोने के बाद पानी फेंककर ताजे पानी में पकाएं.
- इससे दाल हल्की हो जाएगी और पेट की परेशानी कम होगी.
स्वाद और पोषण बढ़ाता है Soaking | Taste & Nutrition Boost
भिगोई हुई दाल जल्दी और समान रूप से पकती है.
इसका फ्लेवर और टेक्सचर दोनों बेहतर रहते हैं.
प्रोटीन, आयरन और विटामिन शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित होते हैं.
हल्दी, अदरक और हिंग मिलाकर पकाने से दाल और भी हेल्दी बनती है.
गर्मियों में ध्यान रखें | Extra Tips for Summers
- ज्यादा देर भिगोने पर पानी बदलते रहें.
- दाल खट्टी न हो, इसके लिए भिगोने का पानी फेंककर ताजे पानी में पकाएं.
- थोड़ा नींबू का रस या दही डालकर भिगोने से पाचन और भी आसान हो जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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