एक्सोसोम को बाल बढ़ने में कितना समय लगता है? एक्सोसोम हेयर ट्रीटमेंट कितने समय तक चलता है, जान‍िए यहां

एक्सोसोम बाल उपचार : क्या एक्सोसोम वास्तव में काम करते हैं? एक्सोसोम थेरेपी को लेकर सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. शुरुआती रिसर्च में बालों और स्किन के लिए इसके फायदे दिखे हैं, लेकिन इसे पक्का इलाज कहना अभी सही नहीं है.

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How much does an exosome treatment cost : सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करें या किसी हाई-एंड स्किन क्लिनिक में जाएं, एक्सोसोम थेरेपी को लेकर दावे लगभग चमत्कारी लगते हैं. कहा जाता है कि ये थेरेपी बालों को घना बना देती है, झुर्रियां कम कर देती है और स्किन को फिर से जवां बना देती है. भारत में भी कई सैलून और क्लिनिक इसे प्रीमियम ट्रीटमेंट के तौर पर पेश कर रहे हैं. लेकिन हकीकत उतनी सीधी नहीं है. शुरुआती रिसर्च जरूर उम्मीद जगाती है, लेकिन इसे हेयर फॉल या एजिंग का पक्का इलाज कहना अभी जल्दबाजी होगी. एक्सोसोम थेरेपी को लेकर साइंस क्या कहता है, ये समझना जरूरी है ताकि उम्मीद और सच्चाई के बीच फर्क साफ रहे.

एक्सोसोम थेरेपी आखिर है क्या (What Exosome Therapy Actually Is)

एक्सोसोम बहुत छोटे कण होते हैं जो हमारी बॉडी की कोशिकाएं रिलीज करती हैं. इन्हें कोशिकाओं का मैसेज बॉक्स कहा जा सकता है. ये प्रोटीन, लिपिड और RNA जैसे तत्व लेकर एक सेल से दूसरी सेल तक रिपेयर और ग्रोथ के सिग्नल पहुंचाते हैं. कॉस्मेटिक और डर्मेटोलॉजी में एक्सोसोम आमतौर पर स्टेम सेल्स से निकाले जाते हैं, जो फैट टिश्यू, बोन मैरो या अम्बिलिकल कॉर्ड से लिए जाते हैं. आइडिया ये है कि ये एक्सोसोम बालों की जड़ों को एक्टिव करें, सूजन कम करें और स्किन में कोलेजन व इलास्टिन का प्रोडक्शन बढ़ाएं.

क्या एक्सोसोम बालों का झड़ना रोक सकते हैं (Can Exosomes Really Stop Hair Fall)

अब तक की स्टडीज के मुताबिक एक्सोसोम थेरेपी कुछ लोगों में बालों की डेंसिटी और मोटाई बढ़ा सकती है. खासतौर पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया वाले मरीजों में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखे गए हैं. हालांकि ये हर किसी में काम करे, ऐसा कोई पक्का सबूत नहीं है. कुछ छोटे क्लिनिकल ट्रायल्स में सुधार जरूर दिखा है, लेकिन सैंपल साइज कम रहा है और फॉलोअप भी सीमित है. एक्सोसोम मिनोक्सिडिल या PRP जैसे ट्रीटमेंट का विकल्प या सपोर्ट बन सकते हैं, लेकिन ये बाल झड़ने को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे, ये कहना सही नहीं होगा.

स्किन और एंटी-एजिंग को लेकर क्या दावा है (The Anti-Ageing Promise For Skin)

स्किन के मामले में एक्सोसोम थेरेपी को ज्यादा चर्चा मिली है. शुरुआती रिसर्च बताती है कि ये झुर्रियों, पिगमेंटेशन, रेडनेस और स्किन टेक्सचर में सुधार ला सकती है. खासकर जब इसे माइक्रोनीडलिंग या लेजर के साथ इस्तेमाल किया जाता है. कुछ केस स्टडीज में लंबे समय तक स्किन में सुधार देखा गया है. जैविक तौर पर ये थेरेपी कोलेजन बढ़ाने, ब्लड फ्लो सुधारने और स्किन बैरियर मजबूत करने में मदद कर सकती है. लेकिन कितनी मात्रा सही है, कितने सेशन जरूरी हैं और रिजल्ट कितने समय टिकते हैं, इस पर अभी कोई तय गाइडलाइन नहीं है.

सबसे बड़ी चिंता क्या है (The Real Problem)

एक्सोसोम थेरेपी को लेकर सबसे बड़ा सवाल रेगुलेशन का है. अभी तक कोई भी एक्सोसोम प्रोडक्ट आधिकारिक तौर पर अप्रूव नहीं है. अलग-अलग कंपनियों के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी, सोर्स और डोज में काफी फर्क होता है. कुछ मामलों में इंफेक्शन या एलर्जी जैसी दिक्कतें भी सामने आई हैं. इसलिए ये थेरेपी करवाने से पहले सही जानकारी और एक्सपर्ट की सलाह बेहद जरूरी है.

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