Chhath Puja Famous Ghat In Bihar: छठ पूजा सूर्य देव की आराधना का एक पवित्र और महान पर्व है, जिसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. ये पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है. भक्तजन निर्जला व्रत रखते हैं और उगते एवं अस्त होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. महिलाएं ट्रेडिशनल कपड़े पहनकर सिर पर बांस की टोकरी लिए घाटों पर जाती हैं, जिनमें ठेकुआ, फल, नारियल और दीपक होते हैं. घाटों पर दीपों की रोशनी और भक्ति गीतों से वातावरण बेहद दिव्य और आकर्षक हो जाता है. बिहार के गया जी सहित कई जिलों में छठ पर्व का नजारा मन मोह लेने वाला होता है. जानिए ऐसे ही घाटों के बारे में...
मुंगेर का कष्टहरणी घाट (Kashtharanini Ghat of Munger)
गंगा तट पर स्थित कष्टहरणी घाट मुंगेर की धार्मिक पहचान का प्रतीक है. मान्यता है कि भगवान राम ने ताड़का वध के बाद पाप मुक्ति के लिए यहीं गंगा स्नान किया था. तब से यह घाट आस्था का केंद्र बन गया. छठ पर्व के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
गया जी का फल्गु नदी तट (Phalgu River Bank in Gaya)
धार्मिक नगरी गया जी में स्थित फल्गु नदी का अपना अलग महत्व है. भले ही यह नदी अधिकतर समय सूखी रहती हो, लेकिन छठ के अवसर पर इसका आध्यात्मिक महत्व कई गुना बढ़ जाता है. नदी तट पर व्रती अस्थायी जलकुंड बनाकर सूर्य देव की पूजा करते हैं. आसपास के पुराने मंदिर और घाट इस स्थल को और भी पवित्र बना देते हैं.
भागलपुर का बरारी घाट (Barari Ghat of Bhagalpur)
भागलपुर का बरारी घाट गंगा नदी के प्रमुख घाटों में गिना जाता है. चौड़ा तट और पक्की सीढ़ियों के कारण यहां हजारों श्रद्धालु एक साथ छठ पूजा कर सकते हैं. छठ के दौरान बरारी घाट पर भागलपुर के साथ-साथ आसपास के जिलों बांका और मुंगेर से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
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देव सूर्य मंदिर, औरंगाबाद (Dev Surya Temple, Aurangabad)
औरंगाबाद का प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर छठ पूजा के लिए जाना जाता है. ये मंदिर अपनी ऐतिहासिक भव्यता और वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है. छठ पर्व के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. मंदिर के पास स्थित सूर्यकुंड तालाब में छठ पूजा पर भारी भीड़ होती है.
हाजीपुर का कोनहारा घाट (Konhara Ghat of Hajipur)
हाजीपुर का कोनहारा घाट गंगा और गंडक नदियों के संगम पर स्थित है. ये घाट अपनी शांत और दिव्य ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है. छठ पूजा के समय यहां श्रद्धालु संगम तट पर स्नान और सूर्य आराधना करते हैं. यहां का निर्मल जल और सादगीपूर्ण वातावरण पूरे पर्व को और भी पवित्र बना देता है.