Beetroot Juice: मेनोपॉज का वक्त हर महिला की लाइफ का एक ऐसा हिस्सा है जब उसे पीरियड्स आना बंद होते हैं और शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट (Health Expert) कहते हैं कि मेनोपॉज (Menopause) वो संवेदनशील समय है जब महिलाओं का दिल सेहत संबंधी खतरों के रिस्क में आ जाता है और इस दौरान महिलाओं में हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट डाइट और लाइफस्टाइल (Lifestyle) में सुधार करके दिल को सुरक्षित रखने की सलाह देते आए हैं. मेनोपॉज के बाद हार्ट अटैक और स्ट्रोक के रिस्क को कम करने के लिए महिलाओं को अपनी डाइट में लाल रंग की सब्जी का जूस पीना फायदेमंद साबित हो सकता है.
जी हां बात हो रही है, लाल रंग की सब्जी यानी चुकंदर की. बीटरूट यानी चुकंदर हर जगह आसानी से मिल जाता है और ये सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद कहा जाता है. शरीर में आयरन की कमी हो या पोषण की, चुकंदर खाने से ये कमियां दूर हो जाती है.आपको बता दें कि बीटरूट इतने कमाल की सब्जी है कि ये मेनोपॉज के बाद हार्ट अटैक के रिस्क कम करने में मदद कर सकती है.
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नाइट्रेट से भरपूर ये सब्ज़ी करेगी दिल की हिफाजत
दरअसल चुकंदर में नाइट्रेट पाया जाता है. चुकंदर के संबंध में की गई एक स्टडी कहती है कि चुकंदर में पाया जाने वाला नाइट्रेट दिल के दौरे के रिस्क कम करने में मदद करता है. खासकर चुकंदर के रस में भरपूर नाइट्रेट होता है. ये नाइट्रेट बॉडी में नसों में खून की सप्लाई और और ऑक्सीजन को फ्लो को तेज कर देता है. इससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है और दिल के दौरे की आशंका कम हो जाती है. नाइट्रेट वो पोषक तत्व है जो ब्लड वैसल्स में जमा गंदगी को साफ करके नसों को सिकुड़ने से रोकता है. इससे ब्लड अच्छी तरह पंप होता है और दिल सेहतमंद रहता है.
एनीमिया की शिकायत भी दूर करेगा चुकंदर का रस
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में चूंकि हार्ट अटैक के रिस्क बढ़ जाते हैं, ऐसे में अगर महिलाएं नियमित तौर पर चुकंदर का रस पीती हैं तो उनकी ब्लड वैसल्स सुचारू रूप से काम करती हैं. इसका जूस पीने से नसों की सिकुड़न कम होती है और कार्डियोवस्कुलर सिस्टम भी सही से काम करता रहता है. चूंकि महिलाएं एनीमिया यानी खून की कमी का ज्यादा शिकार होती हैं, इसलिए चुकंदर का रस पीने से उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी नहीं रहती है.