सोशल मीडिया पर भूल कर भी पोस्ट न करें श्राद्ध कर्म की फोटोज, यह है वह बड़ी वजह

कई लोग पितरों के श्राद्ध या तर्पण की फोटो सोशल मीडिया पर डाल देते हैं. लेकिन क्या ये सही है? क्यों नहीं खींचे श्रॉद्ध कर्म की तस्वीर.

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अगर डाल रहे हैं फोटो तो यह खबर एक बार पढ़ लें.

Pitru Paksh 2025: पितृ पक्ष का समय हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध, पिंडदान (Pinddaan Kaise Karen), तर्पण और दान आदि करते हैं. लेकिन आजकल सोशल मीडिया का दौर है. लोग अपने किए गए हर काम की फोटो और वीडियो तुरंत दूसरों के साथ शेयर कर देते हैं. यही आदत अब पितृ पक्ष (Pitra Paksh Me ) के श्राद्ध कर्म में भी दिखने लगी है. कई लोग पितरों के श्राद्ध या तर्पण की फोटो सोशल मीडिया पर डाल देते हैं. लेकिन क्या ये सही है?

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क्यों नहीं खींचे श्रॉद्ध कर्म की तस्वीर (Why One Should Not Click Photos Of Shraddh Karm)


श्राद्ध कर्म को गोपनीय रखना क्यों जरूरी है?


शास्त्रों में श्राद्ध कर्म का सार्वजनिक प्रदर्शन वर्जित माना गया है. मनुस्मृति, गरुड़ पुराण और धर्मसिंधु जैसे ग्रंथों में साफ लिखा है कि श्राद्ध कर्म गोपनीय और निस्वार्थ भाव से होना चाहिए. मनुस्मृति (3/203) में कहा गया है कि “जो व्यक्ति श्राद्ध का प्रदर्शन करता है, उसे उसका श्रेष्ठ फल प्राप्त नहीं होता.” यानी अगर कोई श्राद्ध की फोटो या वीडियो शेयर करता है तो उसका पूरा पुण्य नष्ट हो जाता है.

इसी तरह, गरुड़ पुराण (पूर्वखण्ड, अध्याय 87) में भी बताया गया है कि जो श्राद्ध कर्म दूसरों को दिखाने के लिए किया जाता है, उसका सारा पुण्य खत्म हो जाता है. धर्मसिंधु और गृह्यसूत्र में भी श्राद्ध को “रहस्यपूर्ण” रखने की बात कही गई है.

दिखावे से खत्म होती है श्रद्धा की पवित्रता


श्राद्ध शब्द ही “श्रद्धा” से बना है. इसका असली भाव यही है कि पितरों के लिए निस्वार्थ और पूरी आस्था से अर्पण किया जाए. जब लोग श्राद्ध की फोटो सोशल मीडिया पर डालते हैं, तो ये दिखावे का रूप ले लेता है. इससे उस कर्म की पवित्रता और भावनाओं की शुद्धता खत्म हो जाती है. शास्त्रों में माना जाता है कि पितरों की इच्छा होती है कि उनका श्राद्ध पूरी गोपनीयता और श्रद्धा के साथ किया जाए, न कि सार्वजनिक रूप से.
सोशल मीडिया पर फोटो डालने से हो सकते हैं पितर नाराज़
शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध का प्रचार करने से पितर नाराज हो सकते हैं. ये न सिर्फ आपके किए गए कर्म का पुण्य खत्म कर देता है, बल्कि इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर भी पड़ सकता है. यानी, जिस उद्देश्य से आप श्राद्ध कर रहे हैं, वह पूरा नहीं होता.

श्राद्ध में क्या करें और क्या न करें


• श्राद्ध करते समय पूरी श्रद्धा और एकाग्रता रखें.
• पितरों के श्राद्ध या तर्पण का फोटो और वीडियो कभी सोशल मीडिया पर न डालें.
• श्राद्ध को हमेशा गोपनीय और निस्वार्थ भाव से करें.
• शोर-शराबे और दिखावे से बचें.

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