Zaheer Khan Son's Name Fateh Singh: पूर्व भारतीय क्रिकेटर जहीर खान और उनकी पत्नी और अभिनेत्री सागरिका घाटगे (Zaheer Khan Ke Bete Ka Naam Kya Hai) हाल ही में मम्मी-पापा बने हैं. सागरिका ने बहुत ही प्यारे से बेटे को जन्म दिया है. दोनों ने सोशल मीडिया पर अपने बेटे के साथ एक खूबसूरत सी तस्वीर भी शेयर की है. तस्वीर में जहीर अपने बेटे को गोद में लिए हुए हैं और सागरिका उनके पास खड़ी हैं. इस तस्वीर को शेयर करने के साथ क्रिकेटर ने अपने बेटे का नाम भी बताया है. जहीर खान और सागरिका घाटगे ने अपने बेटे का नाम फतेह सिंह खान (Fateh Singh Kaun The) रखा है. जहीर खान ने जब से ये जानकारी शेयर की है, उसके बाद से ही उनके बेटे का नाम ट्रेंड कर रहा है. आपको भी बताते हैं क्या खास है इस नाम में.
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Photo Credit: Instagram/zaheer_khan34
जहीर खान का पोस्ट
जहीर खान ने अपने बेटे और वाइफ के साथ फोटो शेयर करते हुए पोस्ट में कैप्शन लिखा कि प्यार, आभार और भगवान के आशीर्वाद के साथ हम अपने अनमोल बेटे फतेह सिंह खान का स्वागत करते हैं.
इस खुशखबरी के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ढेरों बधाइयां मिलने लगीं. क्रिकेटर हरभजन सिंह ने लिखा, "आप दोनों को बहुत-बहुत बधाई. वाहेगुरु मेहर करे." वहीं, अभिनेता अंगद बेदी ने भी "वाहेगुरु" लिखकर अपनी शुभकामनाएं दीं. इसके बाद से लोग जानना चाहते हैं कि उनके बेटे के नाम का मतलब क्या है. इस बारे में जहीर खान और सागरिका घाटगे ने अपनी तरफ से कुछ नहीं बताया पर हम आपको बताते हैं कि उन्होंने जिस वीर के नाम पर अपने बेटे का नाम रखा है. इतिहास में उनका इकबाल कितना बुलंद है.
कौन थे फतेह सिंह (Who Was Fateh Singh)
साहिबजादे फतेह सिंह, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के सबसे छोटे बेटे थे. उनकी उम्र केवल 6 साल थी, जब मुगलों ने उन्हें और उनके बड़े भाई जोरावर सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. यह घटना 1704 में सरहिंद नाम की जगह पर हुई थी. छह साल की नन्हीं सी उम्र में भी फतेह सिंह ने दुश्मन से डरकर अपने धर्म से समझौता नहीं किया और बहादुरी से शहादत दी.
उनकी मां माता गुजरी ने भी अपने बेटों की शहादत की खबर सुनकर प्राण त्याग दिए थे. यह एक बहुत दर्दनाक घटना थी, लेकिन बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई थी. जिसने लाखों सिखों को और अधिक हिम्मत और साहस दिया.
भाई फतेह सिंह: जिसने लिया बदला
गुरु गोबिंद सिंह के बेटे फतेह सिंह के अलावा एक और फतेह सिंह का नाम इतिहास में दर्ज है. ये एक और फतेह सिंह थे– भाई फतेह सिंह. जो एक वीर सिख योद्धा थे. वो गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुयायी थे. बंदा सिंह बहादुर की सेना में शामिल होकर उन्होंने मुगलों के खिलाफ युद्ध किया. उन्होंने वही वजीर खान को मार डाला था, जिसने साहिबजादों की हत्या का आदेश दिया था.
कई लड़ाइयों में हिस्सा लिया
1. समाना की लड़ाई (1709)
इस युद्ध में फतेह सिंह और सिख सेना ने समाना शहर पर हमला किया. जो उन लोगों का ठिकाना थी, जिन्होंने सिख गुरुओं और उनके बेटों को मारा था.
2. चप्पर चिरी की लड़ाई (1710)
इस युद्ध में भाई फतेह सिंह ने बाज सिंह के साथ मिलकर वजीर खान का सिर काट दिया. इसके बाद सिखों ने सरहिंद पर कब्जा कर लिया.
भाई फतेह सिंह का अंत
भाई फतेह सिंह की बहादुरी से खुश होकर बंदा सिंह बहादुर ने उन्हें समाना और उसके आसपास के क्षेत्रों का फौजदार बना दिया. लेकिन उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई.
साल 1710 के अंत में उन्हें मुगल सेना ने पकड़ लिया. कई सालों तक उन्हें जेल में यातनाएं दी गईं. आखिरकार, 1716 में दिल्ली में, बंदा सिंह बहादुर और भाई फतेह सिंह को उनके कई साथियों के साथ मार दिया गया.
नया नाम, पुराना गौरव
जहीर और सागरिका ने अपने बेटे का नाम फतेह सिंह खान रखकर न केवल एक खूबसूरत नाम चुना है, बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास को भी ताजा कर दिया है. चाहे वह 6 साल की उम्र में शहादत देने वाले साहिबजादे फतेह सिंह हों या वीर योद्धा भाई फतेह सिंह. दोनों ही नाम साहस, बलिदान और सच्चाई के प्रतीक हैं.