मेड‍िटेशन कोच ने बताया 10 सेकेंड भ्रामरी प्राणायाम करने से दूर हो जाएंगी ये बड़ी बीमार‍ियां

Bhramari Pranayama Benefits: अगर मन बेचैन है, स्ट्रेस सिर चढ़कर बोल रहा है, तो  भ्रामरी प्राणायाम से सिर्फ कुछ सेकंड्स में रिलैक्स हो सकते हैं. न्यूरोसाइंस की रिसर्च भी मानती है कि यह प्राणायाम किसी भी उम्र में नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है.

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सिर्फ 30 सेकंड और स्ट्रेस छू मंतर

Bhramari Pranayama Benefits: दिनभर की भागदौड़, वर्कलोड से सिरदर्द, टेंशन, नींद गायब और मन बेचैन हो रहा है? अगर हां, तो भ्रामरी प्राणायाम आपके लिए जादू की तरह काम कर सकता है. इससे सिर्फ 10 सेकेंड्स में ही स्ट्रेस गायब, माइंड रिलैक्स और मूड रिफ्रेश (Yoga for Relaxation and Peace) होता है. इसमें ना तो मेडिटेशन के लिए घंटों बैठना है और ना ही किसी अलग जगह जाना है. ये ऐसा अभ्यास (Pranayama for Mental Health) है, जिसे आप कहीं और कभी भी कर सकते हैं. इंस्टाग्राम के पॉपुलर हेल्थ पेज Growin Within पर Sarthak Rewala के साथ लाइफ कोच Vikas Nagru ने इसे लेकर डिटेल्स में जानकारी दी है. उन्होंने हर किसी के लिए इसे फायदेमंद बताया है. आइए जानते हैं भ्रामरी प्राणायाम क्या होता है, इसे करने का सिंपल तरीका (How to do Bhramari Pranayama) और बेनिफिट्स.

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भ्रामरी प्राणायाम क्या है

भ्रामरी शब्द 'भ्रमर' यानी भौंरे से आता है. इसमें जब आप सांस छोड़ते हैं, तो एक भौंरे जैसी गूंज निकलती है. एक म्यूजिक जैसा साउंड, जो पूरे दिमाग को अंदर से सुकून देता है. ये साउंड सीधा आपके नर्व सिस्टम पर काम करती है और इंस्टैंट सुकून का अहसास देती है. इंस्टाग्राम पर पॉडकास्ट में Vikas Nagru ने बताया, 'न्यूरोसाइंस की एक रिसर्च के अनुसार भ्रामरी प्राणायाम किसी भी एज में लेवल-अप कर सकता है. ये प्रैक्टिस ब्रेन के उस हिस्से को शांत करने में हेल्प करता है, जो स्ट्रेस, एंग्जाइटी और गुस्से को कंट्रोल करता है.'

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कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम

1. जमीन पर आराम से बैठ जाइए.
2. आंखें बंद करें और गहरी सांस लें.
3. अब अंगूठों से दोनों कान बंद करें और बाकी उंगलियों से आंखें और चेहरा ढक लें.
4. अब सांस छोड़ते हुए 'हम्म्म्म…' जैसी आवाज निकालें, जैसे भौंरा गूंज रहा हो.
5. ऐसा कम से कम 5-7 बार रिपीट करें.
6. इससे आपका मन शांत होगा और सुकून मिलेगा, दिमाग रिलैक्स फील करेगा.

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भ्रामरी प्राणायाम से होने वाले फायदे
  • माइंड को तुरंत रिलैक्स करता है
  • नींद को बेहतर बनाता है
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है
  • एंग्जायटी और पैनिक अटैक में तुरंत राहत
  • दिमागी फोकस और मेमोरी को शार्प करता है
  • बच्चों, बूढ़ों और वर्किंग लोगों हर किसी के लिए फायदेमंद
साइंस भी मानते हैं इसका असर

न्यूरोसाइंस की रिसर्च कहती है कि जब आप 'भ्रामरी' की गूंज वाला साउंड निकालते हैं, तो दिमाग का एमिगडाला (Amygdala) एक्टिव होता है, जो तनाव को कम करता है और मूड बेहतर करता है. यही वजह है कि कई वेलनेस एक्सपर्ट्स इसे हर किसी को रोजाना 5 मिनट करने की सलाह देते हैं.

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कब और कितनी बार करें भ्रामरी प्राणायाम

सुबह उठते ही या रात सोने से पहले
5 से 10 राउंड डेली
ऑफिस में काम के बीच भी कर सकते हैं.

भ्रामरी प्राणायाम के साथ ये चीजें कर सकते हैं

भ्रामरी प्राणायाम का असर और ज्यादा हो सकता है, अगर आप इसे सुबह के समय खाली पेट करें. कोशिश करें कि इसके लिए शांत जगह चुनें, मोबाइल को कुछ मिनट के लिए साइलेंस करें और बस अपनी सांस पर ध्यान दें. इस प्राणायाम के साथ आप कुछ और छोटे बदलाव करें जैसे- दिन में एक बार गुनगुना पानी पिएं, जो बॉडी को डिटॉक्स करता है, सुबह या शाम को 5 मिनट खुली हवा में वॉक करें, मोबाइल डिटॉक्स, हर दिन कुछ मिनट फोन से दूरी बनाएं और रात को सोने से पहले 2 मिनट मेडिटेशन करने की आदत डालें. ये छोटी-छोटी बातें आपकी मेंटल पीस को सुपरपावर की तरह स्ट्रॉन्ग बनाएंगी.क्योंकि भ्रामरी सिर्फ एक योग नहीं, बल्कि एक ट्यूनिंग है मन और लाइफ की.

प्रस्‍तुत‍ि: रोह‍ित कुमार

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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