Baby Care: अपने बेबी को डायपर रैशेज से इस तरह बचाएं, अपनाएं ये घरेलू नुस्‍खे

बच्‍चों की स्किन बेहद नाजुक होती है. ऐसे में लंबे समय तक डायपर पहनने की वजह से रैशेज होना स्वाभाविक है. रैशेज की वजह संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. अपने शिशु को इस परेशानी से बचाने के लिए आप डायपर रैशेज (Diaper Rashes) के घरेलू नुस्खे (Home Remedies) अपना सकती हैं.

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Baby Care: इन घरेलू नुस्खों की मदद से डायपर रैशेज को कहें बाय-बाय
नई दिल्ली:

छोटे बच्चों की त्वचा बेहद सैंसटिव होती है, जिसके चलते उनका आवश्यकता से ज्यादा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है. लंबे समय तक डायपर  (Diaper) पहनने की वजह से रैशेज होना स्वाभाविक है. ऐसे में रैशेज की वजह से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. वैसे तो शिशु में डायपर रैश होना आम बात है. वहीं ज्‍यादा टाइट डायपर पहनने की वजह से भी रैशेज (Rashes) हो सकते हैं डायपर रैशेज एक तरह की त्वचा की जलन होती है, जो बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है. अगर बच्‍चे घंटों गीले डायपर में रह जाएं तो उनके प्राइवेट पार्ट्स पर गुलाबी चकत्ते पड़ जाते हैं. कई बार शिशु इन रैशेज़ की वजह से असहज भी महसूस करते हैं, जिसके चलते वे चिड़चिड़े हो जाते हैं. डायपर रैशज से होने वाली खुजली और जलन की वजह से कई बार बच्‍चे रोने लगते हैं. अपने शिशु को इस समस्या से बचाने के लिए आप डायपर रैशेज (Diaper Rashes) के घरेलू नुस्खे (Home Remedies) अपना सकती हैं.

डायपर रैशेज के लक्षण (Symptoms of Diaper Rashes)

  • डायपर रैशज को डायपर पहनने वाली जगह में लाल, फूली और नर्म, पीड़ायुक्त दिखाई पड़ने वाली त्वचा द्वारा पहचाना जाया जा सकता है.
  • अक्सर बच्चा डायपर रैशज की जगह को धोने या फिर छून पर रोने लगता है.
  • बच्चों को डायपर रैशज की जगह काफी खुजली और पीड़ा महसूस होती है.
  • डायपर रैशज की जगह पर सूजन व दर्द के कारण बच्चा चिड़चिड़ा होने लगता है.

Photo Credit: istock

डायपर रैशेज से बचने के उपाय (How to prevent Diaper Rashes)

सैचुरेटेड फैट से भरपूर नारियल तेल शिशु की त्‍वचा को मुलायम और मॉइस्‍चराइज रखता है. इसमें एंटीबैक्‍टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जिससे रैशेज के इलाज में मदद मिलती है. इसके लिए आप आधा चम्‍मच नारियल तेल को हथेलियों पर लगाकर प्रभावित हिस्‍से पर मालिश करें.

दही यीस्‍ट और माइक्रोबियल इंफेक्‍शन को ठीक करने में काफी मददगार है. अपने शिशु के भोजन में दही को शामिल करें. रैश वाली जगह पर दही लगा भी सकती हैं.

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अक्सर गीले डायपर के कारण डायपर रैश होते हैं, इसलिए अपने शिशु के गीले व गंदे डायपर को बिना देर किए बदलें.

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शिशु के डायपर की फिटिंग जरूरी है. पहनाते समय ख्याल रखें कि डायपर जरूरत से ज्यादा कसा और ढीला न हो. अधिक टाइट डायपर आपके शिशु की त्वचा के लिए ठीक नहीं है. वहीं, ज्यादा ढीले डायपर के कारण रिसाव हो सकता है. ख्याल रखें कि डायपर फिटिंग के साथ आरामदायक हो.

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शिशु के कपड़ों को अलग से डिटर्जेंट से धोएं, जिसमें ऐसे रसायन न हों जो त्वचा पर खुजली उत्पन्न न करें.

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हो सके तो बच्चों को अधिक ठोस पदार्थों का सेवन न करवाएं.

अनेक औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा, रैशेज की वजह से होने वाली जलन और सूजन को कम कर त्‍वचा को ठंडक प्रदान करने में सहायक है. इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो डायपर रैशज पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया को खत्‍म करता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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