अयोध्या दीपोत्सव में गुजरात का गरबा और केरल की कथकली की मचेगी धूम

इस बार दीपोत्सव में गुजरात का गरबा और केरल की कथकली नृत्य विशेष आकर्षण होंगे. दीपोत्सव समारोह में केरल, गुजरात और सिक्किम सहित अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या कलाकार शामिल होंगे.

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Ayodhya Deepotsav 2023 : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दीपोत्सव समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति की विविधता देखने को मिलेगी. दीपोत्सव समारोह में केरल, गुजरात और सिक्किम सहित अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में कलाकार शामिल होंगे.सीएमओ के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी पूरी हो गई है.

इस बार दीपोत्सव में गुजरात का गरबा और केरल की कथकली नृत्य विशेष आकर्षण होंगे. दीपोत्सव समारोह में केरल, गुजरात और सिक्किम सहित अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या कलाकार शामिल होंगे. कुंजिरामन प्रस्तुत करेंगे केरल का 'कथकली नृत्य'; शरद चंद्र सिंह सिक्किम का 'सिंधी चाम नृत्य' प्रस्तुत करेंगे और जम्मू-कश्मीर के मनदीप 'रौफ डांस' के जरिए अपने राज्य की झलक दिखाएंगे.

छत्तीसगढ़ के कलाकार 'गेंडी नृत्य', गुजरात के 'गरबा', ओडिशा के 'दलखाई नृत्य', कर्नाटक के 'डोल्लू कुनिथा' और राजस्थान के 'कालबेलिया नृत्य' के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.

संस्कृति और आध्यात्मिकता के संगम के बीच, देश के विभिन्न राज्यों के कलाकार भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिड़ला धर्मशाला, रामघाट और राम कथा पार्क में प्रदर्शन करेंगे, और लोक गीतों, संगीत वाद्ययंत्रों के माध्यम से आगंतुकों को देश की विविध सांस्कृतिक पेशकशों से रूबरू कराएंगे.

समारोह के दौरान उन्हें सनातन धर्म के आध्यात्मिक पक्ष और इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश की समृद्धि को भी समझने का मौका मिलेगा. राज्य सरकार द्वारा दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में ब्रज लोक नृत्य का प्रदर्शन करने के लिए पारंपरिक लेकिन लुप्त होती लोक नृत्य शैलियों 'धोबिया' और 'फरुवाही' के कलाकारों को भी प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया गया है. अवध में ब्रज के कलाकार भगवान राम और भगवान कृष्ण की भूमि की संस्कृति, भाषा और शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे. दीपोत्सव में कुमार विशु भी प्रस्तुति देंगे.

अयोध्या में सातवां दीपोत्सव भारत के विभिन्न राज्यों की भाषाओं, शैलियों, बोलियों और संस्कृतियों का एक उल्लेखनीय मिश्रण प्रदर्शित करेगा. 9 से 11 नवंबर तक उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे.

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अयोध्या के 12 रामलीला कलाकार अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए प्रदर्शन करेंगे, जबकि महोत्सव के दौरान सोनभद्र का स्वदेशी आदिवासी नृत्य दर्शकों पर अपनी अनूठी छाप छोड़ेगा. 

आज़मगढ़ के मुन्ना लाल और उनकी टीम 'धोबिया नृत्य' से दर्शकों का मन मोह लेगी, जबकि मथुरा के राजेश शर्मा और 'मयूर नृत्य' टीम भी अपनी कला से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देगी. कार्यक्रमों में झांसी का 'राई नृत्य' और राम-हनुमान सेना की झांकी भी शामिल होगी.

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समारोह के दौरान लोगों को लखनऊ, अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, आज़मगढ़, भदोही, गोंडा, सोनभद्र, गाज़ीपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, अकबरपुर, सुल्तानपुर, सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति की झलक मिलेग.  

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