Anti Ageing Fasting Rules: आजकल हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन चमके, एनर्जी बनी रहे और उम्र चेहरे पर न दिखे. इसी वजह से लोग एंटी एजिंग सप्लीमेंट्स जैसे कोलेजन, ग्लूटाथियोन और मल्टीविटामिन्स लेने लगे हैं. इसके साथ ही इंटरमिटेंट फास्टिंग, जूस डिटॉक्स और टाइम-रिस्ट्रिक्टेड इटिंग जैसे ट्रेंड्स तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या फास्टिंग और एंटी एजिंग सप्लीमेंट्स (Supplement-friendly intermittent fasting schedule) साथ चल सकते हैं, क्या दोनों को एक साथ करना सेफ (How to fast safely while on anti-ageing supplements) है, क्या कोलेजन लेते हुए फास्ट कर सकते हैं या फास्टिंग के वक्त कौन से सप्लीमेंट (Do supplements break your fast in anti-ageing diets) लेने चाहिए, और कौन से नहीं. एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत के बाद ये सवाल और भी जरूरी हो गए हैं. आइए जानते हैं क्या कहते हैं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स और मेडिकल रिसर्च..
फास्टिंग और सप्लीमेंट एक साथ खतरे की घंटी
कई डाइटीशियन और एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर सप्लीमेंट को उसकी अब्जॉर्प्शन जरूरत और आपके शरीर की टॉलरेंस के हिसाब से लेना जरूरी है. कई बार हेल्दी माने जाने वाले सप्लीमेंट्स भी खाली पेट लेने से जहर जैसे रिएक्ट कर सकते हैं. अश्वगंधा, बेरबरीन, रोडियोला जैसे एडाप्टोजेन खाली पेट लेने से ब्लड शुगर या बीपी अचानक गिर सकता है. कोलेजन, ओमेगा-3, विटामिन C, जिंक, आयरन खाली पेट लेने पर गैस, जी मिचलाना और एसिडिटी पैदा कर सकते हैं.
अगर फास्टिंग कर रहे हैं तो क्या करें
न्यूट्रिशनिस्ट्स और डॉक्टर्स का मानना है कि फास्टिंग करते हुए एंटी एजिंग ड्रग्स लेना एक माइक्रो बैलेंस मांगता है. फास्टिंग शरीर में ऑटोफैगी शुरू करता है, जो एक सेल क्लीनिंग मैकेनिज्म है. लेकिन अगर आप गलत समय पर भारी सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो ये फायदा नुकसान में बदल सकता है. विटामिन A, D, E, K जैसे फैट-सॉल्यूबल विटामिन खाली पेट नहीं लेने चाहिए. इन्हें हल्के खाने के साथ लें, जिससे अब्जॉर्प्शन बेहतर हो और शरीर पर भी बोझ न पड़े.
क्या सप्लीमेंट्स फास्ट तोड़ सकते हैं
डॉक्टर्स कहते हैं कि कुछ सप्लीमेंट्स भले ही कैलोरी फ्री हों, फिर भी वो फास्टिंग की प्रोसेस को रोकने का काम करते हैं. जिस तरह अल्फा-लिपोइक एसिड (ALA) इंसुलिन रिलीज करने का काम करता है, एमिनो एसिड या कोलेजन पाउडर मेटाबॉलिक पाथवे एक्टिवेट कर ऑटोफैगी बंद करते हैं,फिश ऑयल कैप्सूल भी फास्ट ब्रेक कर सकता है, क्योंकि वो फैट डाइजेशन शुरू कर देता है.
किन चीजों से बचना चाहिए
1. खाली पेट विटामिन D, मैग्नीशियम न लें, इन्हें हमेशा खाने के साथ लेना चाहिए.
2. 16:8 से ज्यादा हार्ड फास्ट न करें, 14:10 या 15:9 जैसे फ्लैक्सिबल फास्टिंग विंडो ही चुनें.
3. रेटिनॉइड्स यूज़ कर रहे हैं तो लंबे फास्ट न करें, ओमेगा-3 और विटामिन E स्किन बैरियर के लिए जरूर लें.
4. इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो नारियल पानी, छाछ, फल और सूप लें खाने में जरूर लें.
मैग्नीशियम और विटामिन D का कंफ्लिक्ट
टाटा की ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी वनएमजी लैब्स की हाल की एक रिसर्च में बताया गया कि भारत में करीब 76% लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं, इसलिए सप्लीमेंट आम बात हो गई है.
डॉक्टर्स कहते हैं कि ज्यादा विटामिन D लेने से शरीर में मैग्नीशियम की कंजप्शन बढ़ जाती है और अगर फास्टिंग भी चल रही हो तो मैग्नीशियम की डिफिशिएंसी हो सकती है. इसकी वजह से थकान, एंग्जाइटी, नींद की परेशानी और मसल क्रैम्प्स जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
रेटिनॉइड्स और स्किन इरिटेशन
फास्टिंग स्किन पर भी असर डालती है. इससे सेबम प्रोडक्शन कम होता है, जिससे रेटिनॉइड्स का असर अधिक इरिटेटिंग हो सकता है. इसलिए डॉक्टर्स का कहना है कि बारियर-सपोर्टिव फास्टिंग यानी फास्टिंग के साथ ओमेगा-3, विटामिन A और E लेना चाहिए, ताकि स्किन की सेहत बनी रहे.
कौन-सा फास्टिंग शेड्यूल बेस्ट है
डॉक्टर्स के अनुसार, सप्लीमेंट-सिंक्ड फास्टिंग यानी फास्टिंग प्लान को इस तरह बनाएं कि सप्लीमेंट सही वक्त पर अब्जॉर्ब हो और शरीर को पूरा फायदा दे. बेस्ट फास्टिंग शेड्यूल से आप ऑटोफैगी का फायदा भी उठा सकते हैं और सप्लीमेंट का सही टाइमिंग भी मेंटेन कर पाएंगे. सबसे बढ़िया फास्टिंग शेड्यूल 14:10 यानी 14 घंटे फास्ट, 10 घंटे खाना और 15:9 यानी 15 घंटे फास्ट, 9 घंटे फीडिंग विंडो होती है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
1. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स और फास्टिंग का कॉम्बिनेशन बेहद सेंसेटिव है.
2. कभी भी खुद से सप्लीमेंट लेना या फास्टिंग करना शुरू न करें.
3. अगर आपको थकान, चक्कर, मतली या घबराहट जैसी फीलिंग्स हो रही हैं, तो तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लें.