Parenting Tips: वो कहावत तो आपने सुनी होगी कि बच्चे (Kids) दो ही अच्छे, लेकिन कई बार होता है कि पेरेंट्स सिंगल बच्चा (सिंगल Child) ही करते हैं. ऐसे में उन्हें कई बार लोगों से सुनना पड़ता है कि सिंगल चाइल्ड ज्यादा जिद्दी (Persistent) होते हैं, उनमें शेयरिंग (Sharing) की भावना नहीं होती है. ऐसी ही कई तरीके की चीजें समाज में उन्हें सुनने को मिलती है. लेकिन आज हम आपको बताते हैं पांच ऐसे मिथक, (Myth) जो सिंगल चाइल्ड के लिए प्रचलित हैं लेकिन इसमें सच्चाई नहीं होती है.
सिंगल बच्चे अकेले होते हैं (Single Child Feels Lonely)
सिंगल चाइल्ड के बारे में सबसे आम मिथक यही है कि वो जीवन में अकेले पड़ जाते हैं, जबकि हकीकत ऐसी नहीं है. हर बच्चे को कभी ना कभी अकेलेपन का सामना जरूर करना होता है. ऐसे में इकलौते, दो या तीन बच्चे होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
एग्रेसिव होते हैं इकलौते बच्चे (More Agressive)
अगर आपको भी लगता है कि इकलौते बच्चे ज्यादा एग्रेसिव होते हैं, उनका स्वभाव गुस्सैल होता है तो ये धारणा आज ही बदल दें, क्योंकि बच्चे का बॉसी या एग्रेसिव होना उनकी परवरिश पर डिपेंड करता है. ऐसे में अगर आपका सिंगल चाइल्ड हो या 2 बच्चे हो उन्हें शांत, संयम और दूसरों का सम्मान करना जैसे शिष्टाचार सिखाएं.
पेरेंट्स पर डिपेंडेंट होते हैं सिंगल चाइल्ड (Single Child Are More Dependent)
लोगों को लगता है कि जो बच्चे इकलौते होते हैं तो वो अपने पेरेंट्स पर डिपेंडेंट होते हैं. बचपन में ये जरूर हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं तो वो अपने आप इंडिपेंडेंट होने लगते हैं.
देर से मैच्योर होते हैं सिंगल चाइल्ड (Immature)
कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि सिंगल चाइल्ड को मैच्योर होने में समय लगता है, क्योंकि वो लाड प्यार में बड़े होते हैं. जबकि ये सच नहीं है मैच्योर होना हर व्यक्ति पर अलग-अलग निर्भर करता है. भाई बहन के साथ रहने या अकेले रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
बहुत ज्यादा सेंसेटिव होते हैं सिंगल चाइल्ड (Highly Sensitive)
एक मिथक और सिंगल बच्चों के बारे में फेमस है कि वो किसी भी बात से बहुत जल्दी डिप्रेस हो जाते हैं और वह बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, जबकि बच्चे में सेंसेटिविटी उनके नेचर से आती है एक या दो बच्चा होने से नहीं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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