Shakti dubey cracked UPSC exam after Five Attempts: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में उत्तर प्रदेश की शक्ति दुबे (Shakti dubey) ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया. पांच असफल प्रयासों के बाद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर उन्होंने 5 प्रयासों के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कैसे उत्तीर्ण की? इसके लिए उन्होंने क्या स्ट्रैटजी अपनाई, किसी कोचिंग की मदद ली या फिर कुछ अलग ढंग से तैयारी की.
शक्ति दुबे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के नैनि क्षेत्र से हैं. शक्ति ने 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों से पढ़ाई की थी. रैंक के आधार पर उन्हें डेंटल कोर्स में प्रवेश भी मिला, लेकिन उनकी रुचि इसमें नहीं थी. उन्होंने इसके बजाय बीएससी करने का फैसला किया. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बैचलर (बायोकेमिस्ट्री) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से मास्टर डिग्री किया है. साल 2018 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.
तीन अटेम्पेडे में प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं कर सकीं पास
उन्होंने बताया कि पहले तीन प्रयासों में वे प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सकीं. चौथे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची थीं, लेकिन असफल रहीं. शक्ति ने बताया कि वह पिछले साल कट-ऑफ से सिर्फ 12 अंक पीछे रह गई थीं. शक्ति ने कहा यह मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था, तब मैंने सोचा कि अब यह परीक्षा छोड़ दूंगी. लेकिन ऐसा नहीं किया और फिर से तैयारी की और 2024 की यूपीएससी सीएसई में पहला रैंक हासिल किया. सफलता के बाद शक्ति ने कहा, “आज रात मैं चैन की नींद सोऊंगी. सालों से जो नींद पूरी नहीं हुई, आज उसे पूरा करूंगी.”
स्वयं की मेहनत से की तैयारी
शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं, ने बताया, “शक्ति ने 12वीं तक नजदीकी एसएमसी घूरपुर स्कूल में पढ़ाई की और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीएससी परीक्षा में टॉप किया. इसके बाद बीएचयू से एमएससी में भी उन्होंने शीर्ष स्थान प्राप्त किया.” उन्होंने आगे कहा, “शुरुआत में हमने उन्हें कोचिंग के लिए दिल्ली भेजा, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उन्हें घर लौटना पड़ा. इसके बाद उन्होंने स्वयं तैयारी जारी रखी.”
लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा
शक्ति दुबे की सफलता की कहानी मेहनत, दृढ़ता और आत्मविश्वास का प्रतीक है. उन्होंने पांच असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानी और अपने सपने को साकार किया. उनकी यह यात्रा लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है कि कठिनाइयों के बावजूद लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. शक्ति की सफलता न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है.
28% महिलाएं
यूपीएससी के अनुसार, इस साल लगभग 9.92 लाख उम्मीदवारों ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के लिए आवेदन किया था. इसमें 28% चुने गए उम्मीदवार महिलाएं थीं और टॉप पांच में से तीन रैंक (1, 2 और 4) महिलाओं ने हासिल किए. टॉप 25 रैंक धारकों में 11 महिलाएं थीं.