नौकरी ढूंढने के लिए इस शख्स ने निकाला अनोखा तरीका, 10 महीने की मेहनत से मिली Amazon में नौकरी

नौकरी की तलाश के लिए आपके पास कई तरीके होते हैं, लेकिन आप कौन सा तरीका अपना रहे हैं ये माइने रखता है. हाल ही में एक टेक कंपनी में नौकरी करने वाले सख्स ने बताया कि कैसे उन्हें नौकरी मिली.

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नई दिल्ली:

Job Search: जब किसी की नौकरी चली जाती है तो दूसरी नौकरी की तलाश में कितना समय लगेगा ये कहना काफी मुश्किल है. लेकिन तलाश करने की हर कोशिश वो इंसान करता है जिसकी नौकरी गई है. ऐसी ही एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी नौकरी जाने की कहानी को बताया और कैसे उन्हें दूसरी नौकरी मिली, उनका क्या तरीका था. लगभग 10 महीने की मुश्किल के बाद Amazon में नौकरी मिली. एक इंटरव्यू में, 24 साल के जुगल भट्ट ने US के कॉम्पिटिटिव टेक हायरिंग मार्केट में काम कर रहे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल सलाह दी.

भट्ट 2024 में इलिनोइस यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री करने के लिए इंडिया से US चले गए. उन्होंने बिजनेस इनसाइडर को बताया कि उन्होंने मई 2025 में ग्रेजुएशन से 8 महीने पहले नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया था, उन्हें लगा कि उनका तरीका सही है. हालांकि, जब उन्होंने सुना था कि हायरिंग के पीक महीने हैं, तब जल्दी शुरू करने के बावजूद, उनके एप्लीकेशन को इंटरव्यू नहीं मिले. भट्ट ने कहा कि मुझे लगा था कि नौकरी ढूंढने का मेरा तरीका सही था, लेकिन अब सोचता हूं तो यह मुझे रोक रहा था.” उन्होंने महीनों तक एक ही रिज्यूमे का इस्तेमाल करके नौकरी के लिए कोल्ड-अप्लाई करने  के बाद भी नौकरी नहीं मिल पा रही थी.

क्या था नौकरी पाने का तरीका

जुगल भट्ट बताते हैं कि उन्होंने LinkedIn पर एक्टिवली नेटवर्किंग शुरू की, जिसमें उन्होंने उन कंपनियों के रिक्रूटर, हायरिंग मैनेजर और मौजूदा कर्मचारियों पर फोकस किया जिनके लिए वे काम करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि बूलियन सर्च टेक्नीक का इस्तेमाल करके, उन्होंने हायरिंग के फैसलों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए कंपनी के नामों के साथ “रिक्रूटर” या “हायरिंग मैनेजर” जैसे रोल सर्च किए.

भट्ट ने कहा कि उन्होंने 100 से 150 टारगेट कंपनियों की एक लिस्ट बनाई और हर सुबह उन फर्मों के प्रोफेशनल्स से जुड़ने में समय बिताया. उन्होंने कहा, “मैं उनके लिंक्डइन पोस्ट पर कमेंट करता था ताकि उनके रडार पर आ सकूं और आखिर में उनसे इंटरेस्ट के रोल्स के बारे में बात करता था. मुझे लगता है कि कमेंट्स ने अपना मकसद पूरा किया क्योंकि जब वे मुझे जानते थे तो बातचीत ज़्यादा नैचुरली होती थी.

भट्ट ने एक और बड़ा बदलाव यह किया कि उन्होंने हर एप्लीकेशन के लिए अपना रिज्यूमे तैयार किया. वह लिंक्डइन पर भी ज़्यादा एक्टिव हो गए, रेगुलर अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में पोस्ट करते रहे और स्टार्टअप प्रोडक्ट्स पर अपने विचार शेयर करते रहे. ज़्यादा विज़िबिलिटी से रिक्रूटर के मैसेज और इंटरव्यू कॉल आने लगे. उन्होंने कहा, "इस स्ट्रेटेजी से मुझे अपना पहला जॉब इंटरव्यू मिला, जिसमें स्टार्टअप LiteLLM में फाउंडिंग सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोल के लिए एक इंटरव्यू भी शामिल था. आखिरकार उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद फर्म में फुल-टाइम ऑफर स्वीकार कर लिया.

LiteLLM जॉइन करने के बाद भी, भट्ट ने कहा कि वह एक Amazon रिक्रूटर के टच में रहे, जिसने पहले उनसे कॉन्टैक्ट किया था. फिर, मार्च में, उन्हें कई ऐसे रोल दिखे जो उनके एक्सपीरियंस से मैच करते थे. ऑनलाइन असेसमेंट और कई इंटरव्यू के बाद, भट्ट ने बताया कि उन्हें जुलाई में Amazon से एक ऑफर मिला, जिसके बाद उन्होंने LiteLLM से रिजाइन कर दिया.

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