SSC Exam Law: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने परीक्षा खत्म होने के बाद क्वेश्चन पेपर को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और किसी भी तरह के डिस्कशन पर प्रतिबंध लगा दिया है. सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2024 (पीईए अधिनियम, 2024) के सख्त प्रावधानों का हवाला देते हुए एसएससी ने चेतावनी दी है. आयोग ने कहा कि कुछ व्यक्ति और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो अधिनियम के तहत सख्त वर्जित हैं. एसएससी ने कंटेट क्रिएटर सहित सभी कोचिंगों को एसएससी परीक्षा प्रश्न पत्रों या उनकी मेटेरिलयल पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार करने से साफ मना कर दिया है. ऐसा न करने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है.
क्या हो सकती है सजा
- धारा 3: बिना अनुमति के परीक्षा पत्रों, आंसर-की या संबंधित मेटेरियल के लीक, प्रकटीकरण, कब्जे या प्रसार पर रोक लगाती है.
- धारा 9: अधिनियम के अंतर्गत सभी अपराध गैर-जमानती हैं.
- धारा 10: दंड निर्धारित करती है - व्यक्तियों को 3 से 5 वर्ष की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. सेवा प्रदाताओं और संस्थानों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और परीक्षा से अयोग्य घोषित किया जा सकता है. और संगठित अपराध के लिए 5 से 10 वर्ष की कैद और कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है.
कोचिंग के टीचरों का क्या कहना है?
सरकारी नौकरी की तैयारी करवा रहे कोचिंग टीचरों का कहना है कि एसएससी का ये फैसला पूरी तरह गलत है. एग्जाम खत्म होने के बाद पेपर के सवालों का विश्लेषण छात्रों के लिए जरूरी है. स्टूडेंट्स अपनी तैयारी पुराने क्वेश्न पेपर से ही करते हैं. ऐसे में उनकी तैयारी में कमी रह जाएगी. आयोग को पेपर लीक से बचने के लिए कुछ और तरीका अपनाना चाहिए.