NSG कमांडो बनना चाहते हैं KBC 17 के पहले करोड़पति आदित्य कुमार, जानें इसमें कैसे होती है भर्ती

NSG Commando बनने का सपना युवा देखते हैं लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए आपको हद से ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जानिए कैसे बनते हैं Black Cat Commandos.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

NSG Commando Bharti: सोनी टीवी की सबसे पॉपुलर शो कौन बनेगा करोड़पति के पहले करोड़पति आदित्य कुमार बन चुके हैं. इस खेल के दौरान आदित्य के बारे में काफी कुछ जानने को मिला. उत्तराखंड के रहने वाले और सीआईएसएफ (CISF) में कमांडेंट के पद पर कार्यरत है. लेकिन वह NSG कमांडो बनना चाहते हैं. इसके लिए वह तैयारी में लगे हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये इतना आसान नहीं है, यहां तक पहुंचने के लिए एक कठिन ट्रेनिंग पास करनी होती है. लेकिन जब आप NSG Commando बन जाते हैं तो आप चुनिंदा लोगों की गिनती में आते हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जिसे "ब्लैक कैट कमांडो" के नाम से भी जाना जाता है, भारत की एक स्पेशल आतंकवाद-रोधी यूनिट है. इसमें सीधे तौर पर भर्ती नहीं होती है, बल्कि भारतीय सेना और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) जैसे CRPF, BSF, ITBP और CISF से बेस्ट कैंडिडेट को चुना जाता है. चलिए जानते हैं यहां तक पहुंचने का रास्ता क्या है.

NSG में भर्ती के लिए योग्यता (National Security Guards Eligibility) 

  • आवेदक को भारतीय सशस्त्र बलों (थल सेना, वायु सेना, नौसेना) या किसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF, BSF, ITBP, CISF, आदि) में कम से कम तीन साल का सेवा अनुभव होना चाहिए.
  • आवेदक की अधिकतम आयु 35 वर्ष से कम होनी चाहिए.
  • मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री होना अनिवार्य है.
  • आवेदक को शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह फिट होना चाहिए.

चयन प्रक्रिया (NSG Selection Process)

  • एनएसजी में चयन मुख्य रूप से प्रतिनियुक्ति (deputation) के आधार पर होता किया जाता है. 
  • अलग-अलग बलों से योग्य और इच्छुक जवान NSG में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन करते हैं.
  • आवेदकों की सेवा रिपोर्ट और उनकी शारीरिक/चिकित्सा फिटनेस की जांच की जाती है.
  • शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें कठोर ट्रेनिंग शामिल हैं.
  • इसमें दौड़, बाधा कोर्स और अन्य शारीरिक परीक्षण शामिल होते हैं.
  • उम्मीदवारों की मानसिक दृढ़ता, निर्णय लेने की क्षमता और तनावपूर्ण स्थितियों में प्रतिक्रिया का आकलन किया जाता है.

चयन प्रक्रिया में सफल होने के बाद, उम्मीदवारों को 14 महीने की और भी ज्यादा कठोर ट्रेनिंग के लिए मानेसर, हरियाणा में स्थित एनएसजी प्रशिक्षण केंद्र भेजा जाता है. इस ट्रेनिंग को तीन चरणों में पूरा किया जाता है.

बेसिक ट्रेनिंग (Basic Training)

पहले फेज में, जवानों को शारीरिक फिटनेस, निहत्थे युद्ध (unarmed combat), और हथियारों के इस्तेमाल की बेसिक जानकारी दी जाती है. इस दौरान, उनकी सहनशक्ति, साहस और मानसिक दृढ़ता की कड़ी परीक्षा ली जाती है. यह ट्रेनिंग इतनी मुश्किल होती है कि कई उम्मीदवार इसे पूरा करने से पहले ही छोड़ जाते हैं. 

एडवांस्ड ट्रेनिंग (Advanced Training)

इस फेज में, कमांडो को विशेष युद्ध स्किल सिखाए जाते हैं, इसमें बंधक बचाव (hostage rescue), आतंकवाद-विरोधी अभियान (counter-terrorism operations), बम डिस्पोज (bomb disposal), और स्नाइपर शूटिंग (sniper shooting) जैसी एडवांस्ड टेकनिक सीखाई जाती है. उन्हें शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के वातावरण में काम करने के लिए ट्रेंड किया जाता था.

फाइनल ट्रेनिंग

ट्रेनिंग के लास्ट में, एक फाइनल इवैल्यूएशन होता है, जिसमें कमांडो को एक simulated (नकली) ऑपरेशन में हिस्सा लेने के लिए भेजा जाता है, इसमें उनकी ट्रेनिंग के दौरान सीखे गए सभी कौशलों का चेक किया जाता है. इन सब प्रोसेस के बाद वह Black Cat Commandos बन पाते हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें-IBPS Clerk Bharti 2025: आईबीपीएस क्लर्क भर्ती के लिए आवेदन का एक और मौका, जल्द करें अप्लाई, लास्ट डेट बढ़ी

Featured Video Of The Day
Argentina: Football Match के दौरान फैंस ने मचाया बवाल, 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार