सेना में डॉक्टर कैसे बनें, कौन सा कोर्स करना होगा और क्या है योग्यता, पूरी जानकारी यहां

क्या आपको पता है कि अगर सेना में डॉक्टर बनना हो तो क्या करना होता है. सेना में डॉक्टर की जॉब से देश सेवा का मौका तो मिलता ही है साथ ही अच्छी सैलरी और सुरक्षित भविष्य का फायदा भी मिलता है. सेना में डॉक्टर बनने के लिए आपको 12वीं के बाद मेडिकल की पढ़ाई करनी होती है, और इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करना जरूरी है.

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सेना में डॉक्टर कैसे बनें, कौन सा कोर्स करना होगा और क्या है योग्यता
नई दिल्ली:

How to become a Doctor in the Indian Army: भारत में काफी स्टूडेंट डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं और उसके लिए जी तोड़ मेहनत भी करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर सेना में डॉक्टर बनना हो तो क्या करना होता है. सेना में डॉक्टर की जॉब से देश सेवा का मौका तो मिलता ही है साथ ही अच्छी सैलरी और सुरक्षित भविष्य का फायदा भी मिलता है. भारत में सेना के डॉक्टर की रैंक दूसरे आर्मी ऑफिसर्स के समान ही होती है और उन्हें भी रिटायरमेंट बेनिफिट, फैमिली पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल ट्रीटमेंट और मुफ्त राशन जैसे अलाउंस मिलते हैं. डॉक्टर बनने के लिए क्या करना होता है, ये तो आमतौर पर सभी को पता है लेकिन आज हम बताएंगे कि सेना में डॉक्टर बनने के लिए आपको क्या करना होगा.

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12वीं के बाद मेडिकल की पढ़ाई

डॉक्टर बनने के लिए आपको 12वीं के बाद मेडिकल की पढ़ाई करनी होती है, और इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करना जरूरी है. इस एंट्रेंस टेस्ट का नाम है - NEET Exam. MBBS  और BDS जैसे अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET (National Eligibility cum Entrance Test) क्लियर करना होता है. इस एग्जाम में मिले स्कोर के आधार पर ही मेडिकल में एडमिशन मिलता है. अब यदि आप आर्मी में डॉक्टर बनकर देश सेवा करना चाह रहे हैं, तो आपको किस AFMC में एडमिशन लेना होगा.

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AFMC में एडमिशन

भारतीय सेना में डॉक्टर बनने के लिए उम्मीदवार को आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे में एडमिशन लेना होता है. NEET Exam में मिले स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों को इस कॉलेज में प्रवेश मिलता है. यानी अच्छे स्कोर वालों को ही यहां पर एडमिशन मिलता है. AFMC एक रिप्यूटेड मेडिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है और इसकी देखरेख इंडियन आर्म्ड फोर्स द्वारा की जाती है.

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कितना होता है AFMC का कटऑफ?

AFMC का कटऑफ हमेशा एक जैसा नहीं होता, ये हर साल बदलता रहता है. लेकिन पिछले कटऑफ को देखते हुए जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए 600+ का स्कोर सिक्योर माना जा सकता है.

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NEET में पास होने के बाद

  1. NEET में अच्छा स्कोर हासिल करने के बाद उम्मीदवारों (Candidates) को इंटरव्यू (Interview) और मेडिकल टेस्ट (Medical Test) भी पास करना होता है.

  2. टॉलरेंस टेस्ट में उम्मीदवार का मेंटल और फिजिकल स्टैमिना चेक किया जाता है, इंटरव्यू में कैंडिडेट की कम्युनिकेशन स्किल्स और नॉलेज को सवालों के जरिए परखा जाता है.

AFMC में कितनी होती हैं सीटें ?

AFMC हर साल MBBS सिलेबस के लिए 150 स्टूडेंट्स को एडमिशन देता है, जिनमें से 115 सीटें लड़कों और 30 लड़कियों के लिए रिजर्व होती हैं, जबकि 5 सीटें विदेशी स्टूडेंट (Foreign student) के लिए होती है.

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सेना में डॉक्टर बनने के दो तरीके

  • सेना में डॉक्टर बनने के दो तरीके हैं शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) और परमानेंट कमीशन (PC). जो कैंडिडेट यानी उम्मीदवार पहले से ही MBBS या BDS ग्रेजुएट हैं, वो भारतीय सेना/नौसेना/वायुसेना द्वारा जारी शॉर्ट कमीशन रिक्रूटमेंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

  • दूसरा होता है, परमानेंट कमीशन. यह उन लोगों के लिए है जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास करके NEET एग्जाम दिया है. NEET में मिले स्कोर के आधार पर फिर AFMC में एडमिशन होता है. AFMC से मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उम्मीदवारों को स्थायी आधार पर तीनों सेनाओं में से किसी एक में डॉक्टर के तौर पर नियुक्त किया जाता है.

सेना में डॉक्टर बनने के क्या फायदे हैं?

AFMC से पढ़ाई करने पर फ्री मेडिकल एजुकेशन, अच्छी सैलरी, सीधा सेना में अधिकारी बनने का मौका और समाज में खास सम्मान मिलता है.

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