Avinash Tripathi Success Story: उत्तर प्रदेश से निकले एक और टैलेंट ने दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया है. गोरखपुर के रहने वाले अविनाश त्रिपाठी को लंदन बेस्ड कोरिनियम ग्लोबल इंटेलिजेंस ने दुनिया के टॉप 100 AI और डेटा एनालिटिक्स लीडर्स की लिस्ट में जगह दी है. यह उपलब्धि किसी सपने से कम नहीं, क्योंकि इस लिस्ट में दुनिया के बड़े-बड़े टेक एक्सपर्ट शामिल होते हैं. आइए जानते हैं अविनाश त्रिपाठी ने किस कॉलेज से पढ़ाई की है और उनका गोरखपुर से अमेरिका तक का सफर कैसा रहा.
अमेरिका में मिला बड़ा सम्मान
अविनाश की टीम को अमेरिका के बोस्टन सिटी में आयोजित ग्लोबल डेटा एंड इनसाइट्स समिट में 'डेट टीम ऑफ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड उन टीमों को दिया जाता है, जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रेडिक्टिव इंटेलिजेंस और डेटा इनोवेशन के जरिए नई तकनीकी ऊंचाइयां छुई हों. अविनाश की टीम ने ऐसे प्रोजेक्ट्स बनाए हैं, जिनसे स्टूडेंट्स की डिजिटल लर्निंग पूरी तरह बदल गई है. उनकी यूनिवर्सिटी अब AI-ड्रिवन पर्सनलाइजेशन मॉडल्स की मदद से हर स्टूडेंट को उनकी जरूरत के हिसाब से पढ़ाई करा रही है.
गोरखपुर से लेकर अमेरिका तक का सफर
अविनाश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गोरखपुर के सेंट जोसेफ स्कूल से की और 12वीं तक लिटिल फ्लावर धर्मपुर से पढ़े. इसके बाद उन्होंने अमेरिका के साउथर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी (Southern Illinois University) से डेटा साइंस में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन किया. आज अविनाश USA के यूनिवर्सिटी ऑफ फोनिक्स (University of Phoenix) में AI एंड डेटा एनालिटिक्स के वाइस प्रेसिडेंट हैं. उनके लीडरशिप में यूनिवर्सिटी ने कई टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स पूरे किए, खासकर बिग डेटा प्रोजेक्ट्स और AI एथिक्स फ्रेमवर्क पर काम हुआ. वह अमेरिका में पिछले 22 सालों से रह रहे हैं और लगातार नई टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं.
फोर्ब्स में भी नाम हो चुका है शामिल
यह पहली बार नहीं है जब अविनाश ने अपनी काबिलियत से दुनिया का ध्यान खींचा हो. पिछले साल डेटाआईक्यू इंस्टीट्यूट (DataIQ Institute) ने अमेरिका के टॉप 10 एआई एंड डेटा एक्सपर्ट्स की लिस्ट जारी की थी, जिसमें अविनाश का नाम 7वें स्थान पर था. यह लिस्ट बाद में फोर्ब्स मैगजीन में भी पब्लिश हुई और यहीं से उनका नाम दुनियाभर में छाया.
अविनाश त्रिपाठी क्या कहते हैं
अविनाश का मानना है कि भारत के छोटे शहरों में भी बड़ी सोच और जबरदस्त टैलेंट छिपा है. अगर मौका और सही दिशा मिले, तो हर गांव-कस्बे से वर्ल्ड-क्लास टेक एक्सपर्ट निकल सकते हैं. वह युवाओं को सलाह देते हैं कि AI, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे फील्ड में आने के लिए अब बड़े शहरों की जरूरत नहीं है. इंटरनेट और ऑनलाइन कोर्सेज ने हर किसी के लिए यह रास्ता आसान बना दिया है.
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