कठिनाइयों को मात देकर IAS बनी हरियाणा की दिव्या तंवर, किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है इनकी सफलता की कहानी

Success Story: कहते हैं कि हालात चाहे जैसे हों, अगर इरादा पक्का हो तो मंजिल मिल ही जाती है. यही साबित किया है हरियाणा की दिव्या तंवर ने.

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नई दिल्ली:

Success Story: कहते हैं कि हालात चाहे जैसे हों, अगर इरादा पक्का हो तो मंजिल मिल ही जाती है. यही साबित किया है हरियाणा की दिव्या तंवर ने. बेहद छोटी उम्र में पिता का साया सिर से उठ गया था और जिंदगी तंगहाली में गुजरी. लेकिन इन मुश्किलों ने ही उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी. दिव्या (Divya Tanwar) बताती हैं कि जब वह स्कूल में थीं, एक कार्यक्रम में एसडीएम गेस्ट बनकर आए थे. वहां उनकी इज्जत और रुतबा देखकर उन्होंने भी ठान लिया कि उन्हें अपनी मां को गर्व महसूस कराना है. उसी दिन से उन्होंने तय कर लिया कि जिंदगी में बड़ा करना है.

पहले प्रयास में IPS, फिर IAS का सपना पूरा

साल 2021 में दिव्या ने पहली बार UPSC परीक्षा दी. उनकी उम्र केवल 21 साल थी और पहले ही प्रयास में उन्हें 438वीं रैंक मिली, जिससे वो IPS अधिकारी बन गईं. लेकिन उनका सपना IAS बनने का था. उन्होंने अगली बार पूरी मेहनत से तैयारी की और 105वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं.

खुद की मेहनत से सफलता हासिल की

दिव्या ने कोई महंगी कोचिंग नहीं ली. उन्होंने इंटरनेट, टॉपर्स के इंटरव्यू और NCERT की किताबों से तैयारी की. उनका मानना है कि सही रणनीति और मेहनत से बिना कोचिंग के भी सफलता हासिल की जा सकती है.

नेगेटिविटी को किया दूर

तैयारी के दौरान प्रेशर बहुत था, लेकिन दिव्या ने खुद को पॉजिटिव रखा. उनकी मां और भाई-बहनों ने हमेशा हौसला बढ़ाया. दिव्या कहती हैं, मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. अगर आज उसका फल नहीं मिलता, तो कल जरूर मिलेगा.दिव्या की कहानी यह दिखाती है कि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों, हिम्मत और मेहनत से हर सपना पूरा किया जा सकता है.

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