राजधानी में जल संकट को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकार में जुबानी जंग छिड़ गई है. दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने पानी की किल्लत पर आरोप लगाया है कि हरियाणा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार दिल्ली को पूरा पानी नहीं दे रहा है, यमुना में तकरीबन साढ़े 5 फीट जल स्तर घट गया है. जल स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, लेकिन ये 669 रह गया है. इसके चलते पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. जैन ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि वो दिल्ली को उसके हिस्से का पूरा पानी दें. दिल्ली को पानी कम मिल रहा है, समझौते के हिसाब से पूरा पानी छोड़ें. दूसरे स्रोतों से भूजल औऱ अन्य स्रोतों से 950 एमजीडी का इंतजाम किया जा रहा है. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे झूठ बताया है.
खट्टर ने कहा कि दिल्ली को उनके हिस्से के अनुसार 1050 क्यूसिक पानी की सप्लाई की जा रही है. मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली को उनके हिस्से अनुसार 1050 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है. दिल्ली सरकार पानी को लेकर झूठ बोल रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके विपरीत पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार हरियाणा को हमारे हिस्सा के पानी नहीं दे रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह पहले पंजाब से हरियाणा के हिस्से का पानी दिलवाए. मुख्यमंत्री मंगलवार को हरियाणा निवास में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली के पानी से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. इस पर कोर्ट ने मुहर लगा दी थी कि दिल्ली को उनके हिस्से का पूरा पानी दिया जा रहा है. यही नहीं एक बार तो कोर्ट ने यह भी कहा था कि दिल्ली को 250 क्यूसिक ज्यादा पानी दिया जा रहा है. वह पानी अभी भी जारी है. कोर्ट ने उनके दोनों बैराज के भरे होन की शर्त भी लगाई थी, जिसके अनुसार पानी दिया जा रहा है. अपर यमुना बोर्ड ने भी समय-समय पर पुष्टि की है कि दिल्ली को उनके हिस्से का पूरा पानी दिया जा रहा है.