यूपीआई भुगतान क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी सीमा तय करने का असर ग्राहकों पर पड़ेगा: गूगल पे

डिजिटल भुगतान कंपनी गूगल पे ने शुक्रवार को कहा कि यूपीआई लेनदेन को लेकर एनपीसीआई द्वारा अधिकतम 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय करने का लाखों ग्राहकों पर असर होगा.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

डिजिटल भुगतान कंपनी गूगल पे ने शुक्रवार को कहा कि यूपीआई लेनदेन को लेकर एनपीसीआई द्वारा अधिकतम 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय करने का लाखों ग्राहकों पर असर होगा. साथ ही भविष्य में लोगों के डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाने पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है. वहीं गूगल पे की प्रतिद्वंदी पेटीएम और फोन पे ने इस फैसले पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है.भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने बृहस्पतिवार को किसी तीसरे पक्ष (टीपीएपी) द्वारा चलायी जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए लेनदेन की सीमा कुल लेनदेन की संख्या के 30 प्रतिशत तय कर दी.

एनपीसीआई की ओर से लगायी गयी यह सीमा एक जनवरी 2021 से लागू होगी. एनपीसीआई के सीमा तय करने का मतलब अब गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसी कंपनियां यूपीआई के तहत होने वाले कुल लेनदेन में अधिकतम 30 प्रतिशत लेनदेन का ही प्रबंध कर पाएंगी. देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में इन कंपनियों की अहम भूमिका है. गूगल की नेक्स्ट बिलियन यूजर पहल और गूगल पे के भारतीय कारोबार के प्रमुख सजित शिवनंदन ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में डिजिटल भुगतान अभी भी शैश्वास्था में है. ऐसे में इस समय बाजार में किसी भी तरह का हस्तक्षेप ग्राहकों की पसंद और नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर ध्यान देते हुए किया जाना चाहिए.

इस समय एक विकल्प आधारित और खुली व्यवस्था ही इसे आगे बढ़ाने वाली होगी.'' उन्होंने कहा कि एनपीसीआई की घोषणा अचंभे में डालने वाली है. यह यूपीआई लेनदेन का दैनिक आधार पर उपयोग करने वाले लाखों ग्राहकों पर असर डाल सकती है. साथ वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को पाने को भी प्रभावित करेगी. इस बारे में फोनपे के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर निगम ने कहा कि कंपनी ने एनपीसीआई के फैसले की समीक्षा की है और वह अपने ग्राहकों को भरोसा दिलाती है कि फोनपे पर किसी भी तरह के यूपीआई लेनदेन को लेकर कोई जोखिम नहीं है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि एनपीसीआई ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि 30 प्रतिशत की यह सीमा मौजूदा टीपीएपी पर जनवरी 2023 तक लागू नहीं होंगी. फोनपे इस परिपत्र के चलते ग्राहकों को किसी भी तरह की बाधा नहीं पहुंचे, इसके लिए प्रतिबद्ध है. वहीं पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा देश की डिजिटल भुगतान प्रणाली में यूपीआई का अहम हिस्सा है. विभिन्न ऐप के लेनदेन की सीमा तय करके एनपीसीआई ने यूपीआई मंच का विविधीकरण सुनिश्चित किया है, साथ ही उसका जोखिम भी कम किया है. 

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sharda Sinha Health Update: किस बात से परेशान हैं शारदा सिन्हा? ICU से बेटे को क्या दिया आदेश?
Topics mentioned in this article