केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को रौशनी जमीन घोटाले को ‘‘भारत का सबसे बड़ा जमीन घोटाला' करार दिया और नेशनल कांफ्रेंस एवं अन्य से सवाल किया कि तीन पीढ़ियों तक जम्मू कश्मीर पर शासन करने के बाद भी सरकारी जमीन ‘हथियाने' की ऐसा कौन सी जरूरत आन पड़ी. उन्होंने गुपकर गठबंधन को ‘स्वार्थ, घोटाले और पृथकवाद' का प्रतीक बताया.
जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वार तैयार की गयी एक सूची में पूर्व मुख्यमंत्रियों -फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के नाम हैं. सूची में आरोप लगाया गया है कि जम्मू में उनके रिहायशी घर अवैध रूप से कब्जायी गयी जमीन पर है. पिता-पुत्र ने इस आरोप से इनकार किया है.
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन को विवादास्पद रौशनी योजना के तहत दी गयी जमीन को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था. उसके बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक की. प्रशासन ने मंगलवार को ऐसे लोगों की एक सूची जारी की, जिन्होंने दूसरों को दी गयी जमीन पर कथित तौर पर अतिक्रमण किया.
ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘रौशनी योजना भारत का सबसे बड़ा जमीन घोटाला है. उन्हें (फारूक अब्दुल्ला एवं अन्य को) लोगों के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने राज्य की सरकारी जमीन क्यों हथियायी और कब्जे को वैध बनाने के लिए कानून बनाये जबकि उन्होंने तीन पीढ़ियों तक राज्य में शासन किया. ''
ठाकुर ने कहा, ‘‘ नेशनल कांफ्रेस के नेताओं ने सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया. श्रीनगर एवं जम्मू में पार्टी के कार्यालय उसी योजना के तहत उनके पास आए.''
वित्त एवं कोरपोरेट कार्य राज्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले तीन दशक में वन्य एवं राज्य की भूमि समेत सरकार की 3.42 लाख कैनाल जमीन का अतिक्रमण किया गया.
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