हरियाणा सरकार गो तस्करी और गो हत्या रोकने को बनाएगी टास्कफोर्स, हर जिले में होगी टीम

Cow smuggling and Slaughter के लिए एसटीएफ में सरकारी और गैर सरकारी अधिकारी होंगे. एसटीएफ में पशुपालन विभाग, स्थानीय निकाय विभाग के साथ पुलिस कर्मी भी रखे जाएंगे. हरियाणा गो सेवा आयोग, गोरक्षक कमेटी और गोसेवकों को भी टीम में जगह दी जाएगी.

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Haryana Gau Seva Ayog की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया निर्देश
चंडीगढ़:

हरियाणा सरकार (Haryana Government)  ने गायों की तस्करी और हत्या (Cow smuggling and Slaughter) रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) गठित करने का निर्णय लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा गो सेवा आयोग की बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने आयोग को दिए गए अनुदान का ब्योरा भी पेश किया.

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हरियाणा सरकार ने गायों की तस्करी और गो हत्या रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा गो सेवा आयोग की बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने आयोग को दिए गए अनुदान का ब्योरा भी पेश किया.

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गो तस्करी और गोकशी को रोकने के लिए हर जिले में 11 सदस्यों वाली स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है. इस टीम में सरकारी और गैर सरकारी अधिकारी शामिल होंगे. एसटीएफ में पशुपालन विभाग, स्थानीय निकाय विभाग के साथ पुलिस कर्मी भी रखे जाएंगे. साथ ही हरियाणा गो सेवा आयोग, गोरक्षक कमेटी और गोसेवकों को भी टीम में जगह दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यबल का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोगों से गो तस्करी और गो हत्या के संबंध में सूचनाएं एकत्रित करना होगा. पूरे हरियाणा में उनका खुफिया नेटवर्क काम करेगा. इन टीमों से मिलने वाली विशेष सूचना के आधार पर पुलिस बल त्वरित कार्रवाई करेगी और ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोका जाएगा. हरियाणा गो सेवा आयोग (Haryana Gau Seva Ayog) की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. आय़ोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग और पशुपालन व डेयरी विभाग के अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे.

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मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार सभी गौशाला को वित्त मदद मुहैया कराएगी. गौशाला में उत्पादक और अनुत्पादक पशुओं के हिसाब से यह अनुदान दिया जाएगा. हरियाणा विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार, 33 फीसदी से भी कम अनुत्पादक (दूध न देने वाली गाय व अन्य) मवेशी वाली गौशाला को कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा.

जबकि 33 से 50 फीसदी अनुत्पादक मवेशियों वाली गौशालाओं को हर पशु के हिसाब से 100 रुपये प्रति वर्ष का अनुदान दिया जाएगा. 51 से 75 फीसदी वाले मवेशियों को 200 रुपये प्रति वर्ष और 76 से 99 फीसदी अनुत्पादक पशु वाली गौशाला को हर वर्ष 300 रुपये प्रति मवेशी दिए जाएंगे. पूरी तरह से अनुत्पादक पशु वाली गौशाला को 400 रुपये प्रति मवेशी दिए जाएंगे.

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