भूमि घोटाले के आरोपों पर फारुक अब्‍दुल्‍ला बोले-झूठ फैलाया जा रहा, 10 बातें

प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकर्ताओं की जमीन की सूची मंगलवार शाम को सार्वजनिक किए जाने के बाद NDTV से बात करते हुए फारुक ने कहा, 'मैं वहां की एक-एक इंच जमीन खरीदी है जहां वर्ष 1998 में मेरा घर बना था.मेरी छवि को खराब करने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है.'

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फारुक अब्‍दुल्‍ला ने आरोपों को उनकी छवि कराने का साजिश करार दिया है
श्रीनगर:

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir)के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला ( Farooq Abdullah) ने प्रशासन के इस दावे को सिरे से नकार दिया है कि जम्‍मू स्थित उनका निवास कथिततौर पर अवैध रूप से हड़पी गई जमीन पर बना है. प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकर्ताओं की जमीन की सूची मंगलवार शाम को सार्वजनिक किए जाने के बाद NDTV से बात करते हुए फारुक ने कहा, 'मैं वहां की एक-एक इंच जमीन खरीदी है जहां वर्ष 1998 में मेरा घर बना था.मेरी छवि को खराब करने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है.'

मामले से जुड़ी 10 बातें
  1. जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन की सूची यह भी बताती है कि नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के श्रीनगर और जम्‍मू स्थित मुख्‍यालय विवादास्‍पद रोशनी एक्‍ट के तहत वैध किए गए हैं. नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने इन आरोपों का यह कहते हुए खंडन किया है कि यह झूठ है और दुर्भावनापूर्ण इरादे से यह दुष्‍प्रचार किया जा रहा है.
  2. प्रशासन के दावों को नकारते हुए नेशनल कॉन्‍फ्रेंस प्रमुख उमर अब्‍दुल्‍ला ने कहा, 'फारुक अब्‍दुल्‍ला ने श्रीनगर या जम्‍मू स्थित अपने निवास के लिए रोशनी योजना का लाभ नहीं उठाया. यदि कोई ऐसा कहता है तो वह झूठ बोल रहा है.'बीजेपी ने इस मामले में पीपुल्‍स अलायंस के नेता फारुक अब्‍दुल्‍ला पर निशाना साधा है. 
  3. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अब्‍दुल्‍ला पर फॉरेस्‍ट और राज्‍य की भूमि हड़पकर जम्‍मू में अपना आवास बनाने का आरोप लगाया है. 
  4. जम्‍मू कश्‍मीर में लोकल चुनावों के पहले कथित तौर पर जमीन 'हड़पने' वालों की सरकार की ओर से जारी की गई इस सूची में राजनीतिक पार्टियों को नाराज कर दिया है. इस लिस्‍ट में कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं, नौकरशाहों और व्‍यवसायियों के नाम हैं.
  5. वर्ष 2001 में राज्‍य के जमीन धारकों को मालिकाना हक देने के लिए रोशनी स्‍कीम के तहत अधिनियम पारित किया गया था. 
  6. सरकार हाइड्रोपावर प्रोजेक्‍ट के लिए 25 हजार करोड़ रुपये जुटाना चाहती थी. बाद की सरकार ने एक्‍ट में संशोधन किया और रियायती दर पर जमीन बेची. जमीन का हस्‍तांतरा (ट्रांसफर) वर्ष 2007 में शुरू हुआ.
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  8.  वर्ष 2018 में तत्‍कालीन गवर्नर सत्‍यपाल मलिक ने इसे '25 हजार करोड़ रुपये का घोटाला' कहते हुए रोशनी एक्‍ट का निरस्‍त कर दिया था. सभी पेंडिंग एप्‍लीकेशंस को भी रद्द कर दिया गया था. 
  9. पिछले माह हाईकोर्ट ने जम्‍मू & कश्‍मीर राज्‍य लैंड एक्‍ट (जिसे रोशन एक्‍ट ऑफ 2001 के तौर पर जाना जाता है) को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि इसके तहत दी गई सभी जमीनों को अमान्‍य (null) घोषित किया जाता है.
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  11. कोर्ट ने 'मिट्टी के मोल' जमीन हासिल करने वाले राजनेताओं के नाम प्रकाशित करने के लिए भी सरकार से कहा था.
  12. इस माह की शुरुआत में केस सीबीआई को सौंप दिया गया था जो पहले ही चार अलग अलग केस फाइल कर चुकी है.
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