दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ठगी करने वाले गैंग के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो कारोबारियों से महंगे महंगे सामान लेता था. सामान लेते समय कुल पेमेंट का 25 प्रतिशत देता था, बाकी 75 प्रतिशत के चेक देता था जो अकॉउंट में बैलेंस न होने के चलते बाउंस हो जाते थे. इस तरह आरोपियों पर करीब 7 करोड़ की ठगी का आरोप है. आर्थिक अपराध शाखा के जॉइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा के मुताबिक मोती नगर थाने में पराग पाहवा नाम के शख्स ने ठगी का केस दर्ज कराया जिसमें उन्होंने बताया था कि 12 जनवरी 2018 को श्री बालाजी ओवरसीज नाम की एक फर्म के मालिक अनिल बंसल ने उनसे संपर्क किया और 500 एलईडी टीवी का सौदा तय किया. अनिल ने 25 प्रतिशत पेमेंट कर दी और बाकी के पेमेंट के पोस्ट डेटेड चेक दे दिए. इसके बाद अनिल की कंपनी को एसबीओ प्राइवेट लिमिटेड ने टेकओवर लिया, जिसका मालिक मनोज कुमार था. चेक पहली कंपनी के नाम से जारी किए थे.
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की कंपनी के अकॉउंट में बैलेंस नहीं था. पराग पाहवा को पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है. इस तरह की 8 शिकायतें अलग-अलग कारोबारियों ने और दीं. पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने कई कारोबारियों के साथ इसी तरह से ठगी कर की है. आरोपियों की कंपनी का दफ्तर पहले अशोक विहार में था लेकिन बाद में दफ्तर मोती नगर में शिफ्ट कर लिया गया.
जांच में पता चला कि मनोज कुमार ने डीके एंटरप्राइजेज नाम की कंपनी के जरिये पंचकूला में भी कारोबारियों से इसी तरह ठगी की है. ये लोग हर तरह का सामान जैसे महंगे चश्मे, एलईडी टीवी, पीवीसी फिटिंग का सामान लेते थे. मनोज ठगी के एक मामले में कासना जेल में बंद था. उसे अब दिल्ली पुलिस ने अपने केस में गिरफ्तार किया है. मनोज कुमार दिल्ली के पालम गांव का रहने वाला है. उसने एम टेक किया हुआ है. वो अंसल एपीआई में 15 साल तक एजीएम, ऑपेरशन रहा है. इस गैंग पर कुल 5 केस दर्ज हैं. गैंग के बाकी लोगों की तलाश जारी है.