दिल्ली-NCR में ग्रैप-4 लागू हो गया तो क्या होगा? ये तमाम चीजें हो जाएंगी बंद

What Is GRAP-4: दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए अब ग्रैप-4 लगाने की बात कही जा रही है, हालांकि अब तक ये लागू नहीं किया गया है.

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GRAP-4 क्या होता है

What Is GRAP-4: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार है और लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी है. डॉक्टर लगातार जहरीली हवा को लेकर चेतावनी दे रहे हैं, साथ ही पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू किया गया है. अब पॉल्यूशन के लेवल को देखते हुए ग्रैप-4 लगाने की बात कही जा रही है. जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता जाता है, वैसे ही ग्रैप के प्रतिबंध भी लगाए जाते हैं. अब लोगों के मन में सवाल है कि अगर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 के बाद ग्रैप-4 लागू होता है तो क्या होगा. आइए जानते हैं कि कब ग्रैप-4 लागू होता है और ऐसा होने पर क्या-क्या चीजें बदल जाती हैं. 

क्या होता है ग्रैप?

GRAP का मतलब ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान होता है. इसे पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के उपायों के तौर पर लागू किया जाता है. अगर प्रदूषण का स्तर ज्यादा है तो ज्यादा प्रतिबंध लगाने पड़ते हैं, यही वजह है कि दिल्ली में फिलहाल ग्रैप-3 लागू किया गया है. जिसमें पॉल्यूशन फैलाने वाली कई चीजों पर पाबंदी है और स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर चलाए जाने की सिफारिश की गई है. 

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ग्रैप-3 क्या है?

ग्रैप-3 के प्रतिबंध तब लगाए जाते हैं जब एक्यूआई लेवल 401 से लेकर 450 तक पहुंच जाए. इसे गंभीर श्रेणी में गिना जाता है. दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल प्रदूषण का स्तर इसके पार हो चुका है. इसमें कई तरह की चीजों की पाबंदी होती है. 

  • मेट्रो, अस्पताल और फ्लाईओवर से जुड़ी परियोजनाओं को छोड़कर बाकी सभी निर्माण काम बंद कर दिए जाते हैं. 
  • धूल और प्रदूषक कणों की बड़ी मात्रा कंस्ट्रक्शन जैसे कामों से फैलती है, इसलिए ये प्रतिबंध लगाए जाते हैं. 
  • बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल के चार पहिया वाहन प्रतिबंधित कर दिए जाते हैं.
  • कंक्रीट मिश्रण (आरएमसी) प्लांट और स्टोन क्रशर भी बंद रखे जाते हैं. साथ ही डिमोलिशन पर भी रोक होती है. 
  • स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर चलाने की इजाजत होती है. हालांकि अंतिम फैसला सरकारों का होता है. 

ग्रैप-4 क्या होता है?

ग्रैप-3 के बाद ग्रैप-4 के प्रतिबंध तब लागू किए जाते हैं जब प्रदूषण का स्तर 450 के पार पहुंच जाता है. एनजीटी के नियमों के अनुसार इसका पालन करना जरूरी होता है. यही वजह है कि दिल्ली में ग्रैप-4 लागू करने की बात कही जा रही है. ग्रैप-4 के लागू होते ही ग्रैप-3 वाले प्रतिबंधों को और ज्यादा सख्त किया जाता है. इसमें सभी डीजल ट्रकों और कमर्शियल वाहनों की एंट्री बंद कर दी जाती है. जरूरी सामान वाले वाहनों को ही सीमा में घुसने की इजाजत होती है. इसके साथ ही सरकार को वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद करने की भी सलाह दी जाती है. 

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