दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में यूपीएससी (IAS-IPS) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने एक्सट्रा अटेम्प्ट (UPSC Extra Attempt) की मांग को लेकर मंगलवार को धरना दिया. हाड़ कंपाती ठंड में धरना दे रहे अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया. विरोध करने पर पुलिस ने लाठियां फटकारी. कई अभ्यर्थियों को हिरासत में भी लिया गया है. ये अभ्यर्थी कोरोना महामारी का हवाला देते हुए परीक्षा पास करने के लिए एक और मौका देने की मांग की कर रहे थे.
धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी कोरोना वायरस महामारी के कारण साल 2020 और 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठ नहीं पाए थे. इनमें से कोई खुद कोरोना पॉजिटिव हो गया था, तो किसी के घर में कोरोना से मौत हो गई थी. वहीं, कोई अभ्यर्थी कोविड कंटेनमेंट जोन में था. मंगलवार देर रात को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में धरने के लिए अभ्यर्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. उन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला. पहले तो पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन अभ्यर्थियों के नहीं मानने पर पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा.
प्रदर्शन के लिए अभ्यर्थी अपने साथ कंबल, चादर और किताबें लेकर आए थे. उनके हाथ में अपनी मांगों से जुड़ी तख्तियां थीं. वो भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे. रात 10 बजे के बाद अभ्यर्थियों के आने का सिलसिला बढ़ता जा रहा था. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सर्द रात में बलपूर्वक उन्हें हटा दिया.
प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर वर्ग और हर क्षेत्र को कुछ न कुछ राहत जरूर पहुंचाई है. अग्निपथ योजना में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में दो वर्षों की छूट और एसएससी जीडी के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन साल की छूट दी गई है. एसएससी सीजीएल में भी एज रेकनिंग पॉलिसी में बदलाव लाने के लिए लाखों अभ्यर्थी लाभान्वित हुए हैं. लेकिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अभी इस राहत से अछूते हैं. बता दें कि इससे पहले साल 1979, 1990, 1992, 2014 और 2015 में यूपीएससी ने ऐसी छूट दी थी.
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