संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा में मानवेंद्र सिंह ने करिश्मा करके दिखा है. मानवेंद्र सिंह ने अपनी दिव्यांगता को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया. दृढ़ इच्छाशक्ति से पढ़ाई की और UPSC एग्जाम पास कर लिया. मानवेंद्र ने पहले ही प्रयास में 112वीं रैंक हासिल की. जिसके साथ ही दिव्यांगता पर सफलता का परचम लहराया है. यूपी के रहने वाले 24 साल केमानवेंद्र बचपन से ही वह पढ़ने में बहुत होनहार थे और IAS ऑफिसर बनना चाहते थे.
12वीं की परीक्षा पास करने के बाद मानवेंद्र सिंह ने बीटेक की पढ़ाई शुरू की. बीटेक की प्रवेश परीक्षा में 63 वीं रैंक हासिल की और आइआइटी पटना में दाखिला मिल गया. साल 2024 में मानवेंद्र सिंह ने बीटेक की डिग्री हासिल की. बीटेक करने के बाद मानवेंद्र यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा की तैयारी में लग गए और पहले प्रयास में ही ये एग्जाम पास कर दिया.
पेंसिल पकड़ने में होती थी दिक्कत
मानवेंद्र बचपन से ही दिव्यांग हैं. जब वो छह महीने के थे तब उनके परिवार को इसके बारे में पता चला. मानवेंद्र सिंह सेरेब्रल पाल्सी हैं, यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है. जो मूवमेंट और मसल्स कंट्रोल को प्रभावित करती है. मानवेंद्र सिंह की मां रेनू सिंह ने बताया कि उनके बेटे के लिए UPSC क्लियर करना आसान नहीं था. बचपन से ही उसका जीवन चुनौतियों से भरा था. बचपन में उससे सही से पेंसिल तक पकड़ना नहीं जाती थी. लेकिन मेहनत के दम पर उसने UPSC क्लियर कर दिया.
17 दिसंबर को इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा की रिजल्ट आया और जिसमें मानवेंद्र ने112वीं रैंक हासिल की. मानवेंद्र सिंह के जीवन की कहानी काफी प्रेरणादायक है और बताती है कि अगर हौसले बुलंद हो तो किसी भी चुनौती को पूरा किया जा सकता है. सपनों को सच करने के लिए केवल मेहनत ही काम आती है. फोकस के साथ पढाई करने से एक दिन सफलता जरूर मिलती है.
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