हम आपको एक ऐसी स्कॉलरशिप के बारे में बताने जा रहे जिसकी मदद से जापान में जाकर फ्री में पढ़ाई की जा सकती है. MEXT स्कॉलरशिप के लिए चुने हुए छात्र जापान की टॉप यूनिवर्सिटी का हिस्सा बन सकते हैं. इतना ही नहीं स्कॉलरशिप में ट्यूशन, रहने का खर्च और ट्रैवल का पूरा खर्च भी शामिल है. MEXT स्कॉलरशिप जापान की शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MEXT) की और से दी जाती है. इसका मकसद पढ़ाई में अच्छे इंटरनेशनल छात्रों को आकर्षित करना है, जिसमें भारत के छात्र भी शामिल हैं.
इस प्रोग्राम का मकसद जापान के हायर एजुकेशन और रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करना भी है. साथ ही कल्चरल एक्सचेंज को बढ़ावा देना और लंबे समय तक चलने वाले इंटरनेशनल एकेडमिक नेटवर्क बनाए रखा है.
MEXT स्कॉलरशिप एक पूरी तरह से फंडेड प्रोग्राम है जो जापान में पढ़ाई के लिए ज़रूरी सभी बड़े खर्चों को कवर करता है. जिसमें चुने गए कैंडिडेट्स को उनके कोर्स के पूरे समय के लिए पूरी ट्यूशन फीस कवरेज, रोज़ाना खर्च, महीने का लिविंग अलाउंस और भारत और जापान के बीच आने-जाने का हवाई किराया मिलता है.
MEXT प्रोग्राम अंडरग्रेजुएट कैंडिडेट्स के लिए भी उपलब्ध है. अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप आम तौर पर पांच साल के लिए होती है, जिसमें एक साल की इंटेंसिव जापानी भाषा की ट्रेनिंग और उसके बाद चार साल की डिग्री की पढ़ाई शामिल है.
कैसे कर सकते हैं आवेदन
भारत में जापान की एम्बेसी या उसके तय कॉन्सुलेट के ज़रिए MEXT स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया जा सकता है. फॉर्म आमतौर पर हर साल अप्रैल और मई के बीच जारी किए जाते हैं.
ऑफिशियल गाइडलाइंस के मुताबिक, एप्लिकेंट्स को बताए गए एप्लीकेशन फ़ॉर्म के साथ एकेडमिक ट्रांसक्रिप्ट और सर्टिफ़िकेट, एक स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस जिसमें एकेडमिक गोल और जापान चुनने के कारण बताने होते हैं. इसके अलावा अपने एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन से रिकमेंडेशन लेटर और पासपोर्ट-साइज़ फ़ोटो जमा करनी होगी. आगे के प्रोसेस में मेडिकल सर्टिफ़िकेट समेत और भी डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत पड़ सकती है.
सिलेक्शन प्रोसेस क्या है
- एप्लीकेशन की शुरुआती स्क्रीनिंग के बाद, शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट्स को लिखित परीक्षा और उसके बाद पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है.
- जो कैंडिडेट्स दोनों स्टेज सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं, उन्हें फाइनल अप्रूवल के लिए MEXT को रिकमेंड किया जाता है.
- चुने गए स्टूडेंट्स फिर सरकार द्वारा स्पॉन्सर्ड स्कॉलर के तौर पर जापान जाते हैं.