PG Seats NMC 2025: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने 2025-26 एकेडमिक ईयर के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में ब्रॉड स्पेशियलिटीज में 4,201 एक्स्ट्रा पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सीटों को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ, प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में PG सीटों की कुल संख्या अब 7,324 हो गई है, जो पहले 3,123 थी. इस फैसले की घोषणा मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (MARB) के एक नोटिफ़िकेशन के जरिए की गई है. जिसमें कहा गया कि नई मंजूरी और बढ़ी हुई सीटों की कंसोलिडेटेड लिस्ट स्टेकहोल्डर्स के लिए अपलोड कर दी गई है.
NMC डायरेक्टर ने MARB कम्युनिकेशन का जिक्र करते हुए एक अलग सर्कुलर में, इंस्टीट्यूशन, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स से अपडेटेड सीट मैट्रिक्स पर ध्यान देने की अपील की. नोटिस में बताया गया कि ये एक्स्ट्रा सीटें ब्रॉड स्पेशियलिटीज़ (BS) की कैटेगरी में आती हैं, जो आने वाले एकेडमिक सेशन के लिए सिर्फ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर लागू होती हैं.
MARB ने साफ किया है कि बढ़ाई गई सीटों के लिए लेटर ऑफ परमिशन (LOPs) अभी प्रोसेस किए जा रहे हैं. हालांकि, काउंसलिंग अधिकारियों को LOPs का इंतजार न करने का निर्देश दिया गया है, यह कहते हुए कि NMC वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट काउंसलिंग प्रोसेस के लिए काफ़ी होगी.
स्पेशलिटी के हिसाब से बढ़ोतरी
सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी इन चीज़ों में हुई है:
- MS ऑर्थोपेडिक्स: 355 सीटें
- MD एनेस्थिसियोलॉजी: 318 सीटें
- MD रेडियो डायग्नोसिस: 314 सीटें
- MD जनरल मेडिसिन: 283 सीटें
- MS ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी: 282 सीटें
ज़रूरी बदलावों में MD पीडियाट्रिक्स में 296 सीटें, MD डर्मेटोलॉजी, वेनेरियोलॉजी एंड लेप्रोसी में 240, MS ऑप्थल्मोलॉजी में 238, और MS जनरल सर्जरी में 251 सीटें शामिल हैं. MD फैमिली मेडिसिन (2 सीटें), MD हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (4 सीटें), MD न्यूक्लियर मेडिसिन (8 सीटें), और MD फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (7 सीटें) जैसे एरिया में छोटे अलॉटमेंट को मंज़ूरी दी गई.
कर्नाटक में सबसे ज़्यादा सीटों (712) को मंजूरी दी गई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश (613), तमिलनाडु (418), तेलंगाना (353), और मध्य प्रदेश (368) हैं. जिन राज्यों में सीटें कम बढ़ी हैं, उनमें त्रिपुरा (10), पांडिचेरी (7), और ओडिशा (43) शामिल हैं.
MARB नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वेबसाइट पर मंजूर सीटों की लिस्ट "काउंसलिंग प्रोसेस के लिए वैलिड डॉक्यूमेंट मानी जाएगी". इसमें यह भी दोहराया गया कि यह मंजूरी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड यूनिवर्सिटी को पहले दी गई मंजूरी को जारी रखने के लिए है.