नक्सलियों का आतंक लगातार खत्म हो रहा है, देश के जिन राज्यों में भी नक्सली एक्टिव हैं, वहां कई तरह के ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे नक्सली भी हैं, जिन्होंने सरकार के सामने सरेंडर करने का फैसला लिया है. हाल ही में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में करीब 60 नक्सलियों ने सरेंडर किया था, जिन्हें अब नई जिंदगी मिलने जा रही है. महाराष्ट्र में काम करने वाली कंपनी लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) ने यहां आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को ट्रेनिंग देने और उसके बाद नौकरी देने का ऑफर दिया है. यानी जिन लोगों ने बंदूकें उठा ली थीं, वो अब एक अच्छी कंपनी में अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं.
नौकरी देने का दिया ऑफर
एलएमईएल के मैनेजिंग डायेक्टर बी प्रभाकरण नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति और 60 अन्य कार्यकर्ताओं के गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने के बाद ये ऐलान किया है. गढ़चिरौली पूर्वी महाराष्ट्र का माओवाद प्रभावित जिला है, जो अब औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, खासकर इस्पात क्षेत्र के लिए यहां काफी ज्यादा अवसर हैं.
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नक्सलियों ने दिया बड़ा मौका
नौकरी का ऑफर देने वाली कंपनी ने कहा, ‘हम इस पर काम करेंगे कि उन्हें (आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को) कैसे शामिल किया जाए और वे क्या काम कर सकते हैं. एक व्यक्ति (भूपति जैसा), जो 30 साल से जंगल में है और एक खास विचारधारा के साथ रह रहा है, वह बाहर आकर मुख्यधारा में शामिल हो गया है. हमें लगता है कि हमारे लिए उसे शामिल करना और उसे ब्रांड एम्बैसडर बनाना एक शानदार मौके की तरह है, जिससे बचे हुए लोग (नक्सली) भी बाहर आएं और मुख्यधारा में शामिल हों.'
पुलिस के मुताबिक, हथियार डालने वाले 61 माओवादियों में से 12 शादीशुदा जोड़े थे. सरेंडर करने वाले माओवादियों को पुनर्वास के लिए सामूहिक रूप से तीन करोड़ रुपये से ज्यादा दिए जाएंगे. राज्य सरकार भी उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कदम उठा रही है.