इंद्रप्रस्थ बना एलएलएम पावर्ड पाठ्यक्रम शुरू करने वाला पहला विश्वविद्यालय

GGSIPU ने सभी पाठ्यक्रमों को 100% LLM-आधारित शिक्षा में स्थानांतरित करके खुद को भारत की AI-संचालित शिक्षा क्रांति के अग्रदूत के रूप में स्थापित किया है. यह एक ऐसे भविष्य की ओर इशारा करता है, जहां शिक्षण और सीखना अब सीमित नहीं, बल्कि संवादी, रचनात्मक और असीमित होगा.

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LLM छात्रों को कठोर रटने वाली कक्षाओं से छुटकारा दिलाएगा.

गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत के पहले ऐसे विश्वविद्यालय के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिसने अपने सभी पाठ्यक्रमों को AI-सक्षम लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) आधारित प्रणाली में बदल दिया है. इस पहल का लक्ष्य शिक्षा को अधिक इंटरैक्टिव, व्यक्तिगत और आजीवन सीखने की प्रक्रिया में ढालना है.

इस ऐतिहासिक घोषणा के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, पद्मश्री प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा, "यहां LLM का अर्थ केवल 'लार्ज लैंग्वेज मॉडल' ही नहीं, बल्कि 'लाइफलॉन्ग लर्निंग मॉडल' भी है. हमारा उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करना है जो जीवंत, संवादी और प्रत्येक छात्र के लिए कभी भी, कहीं भी सुलभ हो." 

इस समारोह में AICTE के अध्यक्ष प्रो. टी जी सीताराम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जिन्होंने इस उपलब्धि को 'ऐतिहासिक' बताया. प्रो. सीताराम ने अपने संबोधन में कहा, "LLM छात्रों को कठोर रटने वाली कक्षाओं से छुटकारा दिलाएगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता अब भविष्य का विषय नहीं, बल्कि आज की शिक्षा की नींव है."

इस अभिनव LLM-संचालित पाठ्यक्रम की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय वित्त के साथ की जा रही है, जिसे निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के सभी कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों पर लागू किया जाएगा. प्रो. वर्मा ने इस बदलाव की सरलता का एक उदाहरण देते हुए समझाया, "कल्पना कीजिए, एक नया छात्र अपने फोन पर पूछता है: 'अंतर्राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन का पाठ्यक्रम क्या है?' और उसे कुछ ही सेकंड में पूरा पाठ्यक्रम ढांचा मिल जाता है."

यह नवाचार केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रहेगा. अब छात्र सीधे AI से प्रश्न पूछ सकते हैं, जैसे: "प्रिय आईपीयू, मुझे एक व्यावसायिक प्रस्ताव तैयार करने, आपत्तियों को समझने, या एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त फर्म स्थापित करने में मदद करें." पाठ्यक्रम को डिजाइन करने वाले प्रो. गगनदीप शर्मा ने बताया कि छात्र किसी भी रूप में प्रश्न पूछ सकते हैं – छोटे, लंबे या यहां तक कि संवादी – और उन्हें सटीक व प्रासंगिक प्रतिक्रियाएं मिलेंगी, जिससे उनकी समझ सुनिश्चित होगी.

इस परिवर्तन के साथ, ज्ञान अब एक जीवंत साथी बन गया है – जो फोन पर, पुस्तकालय में, बस में या यहां तक कि मेट्रो में भी उपलब्ध है. GGSIPU का यह कदम रटने वाले सीखने को तर्क के साथ, स्थिर नोट्स को संवाद के साथ, और निष्क्रिय कक्षाओं को गतिशील, विकसित बातचीत के साथ बदल रहा है.

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GGSIPU ने सभी पाठ्यक्रमों को 100% LLM-आधारित शिक्षा में स्थानांतरित करके खुद को भारत की AI-संचालित शिक्षा क्रांति के अग्रदूत के रूप में स्थापित किया है. यह एक ऐसे भविष्य की ओर इशारा करता है, जहां शिक्षण और सीखना अब सीमित नहीं, बल्कि संवादी, रचनात्मक और असीमित होगा.

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