IAS-IPS बनना है? जानें मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज में कौन दिलाता है UPSC में टॉपर्स वाली रैंक

UPSC की तैयारी को एक क्रिकेट मैच की तरह समझिए. सिर्फ नेट प्रैक्टिस (किताबें पढ़ना) से आप बड़ा मैच नहीं जीत सकते. आपको असली मैच जैसे माहौल में प्रैक्टिस करनी पड़ती है. यहीं पर मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज काम आते हैं.

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अगर आप कोचिंग जॉइन किए हैं तो टीचर्स से अपने आंसर चेक करवाएं, फीडबैक लें.

UPSC exam Strategy : UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में दिन-रात एक करने वाले लाखों उम्मीदवारों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या सिर्फ किताबें पढ़कर IAS/IPS बना जा सकता है? या फिर सफलता के लिए मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज का कोई शॉर्टकट है?

टॉपर्स की मानें तो सिर्फ पढ़ लेना या जानकारी इकट्ठा कर लेना तो पहला कदम है, लेकिन उस पढ़ाई-लिखाई को परीक्षा हॉल में 3 घंटे के अंदर सबसे अच्छे तरीके से पेपर पर उतारने का हुनर मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज से ही आता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इन दोनों में से कौन आपकी सफलता में UPSCStrategy का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा साबित हो सकता है.

UPSC एस्पिरेंट के लिए मॉक टेस्ट कितने जरूरी - Mock Tests for UPSC Aspirants

1. एग्जाम जैसा माहौल

UPSC परीक्षा में कैंडिडेट्स को लगातार 3 घंटे तक लिखना पड़ता है. मॉक टेस्ट वही माहौल तैयार करते हैं और छात्रों को असली परीक्षा जैसा प्रैक्टिकल फील कराते हैं. इससे उन्हें वास्तविक इम्तेहान में लिखने में मदद मिलती है.

2. टाइम मैनेजमेंट

UPSC में सिर्फ पढ़ाई काफी नहीं है, बल्कि तय समय में पेपर पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती है. मॉक टेस्ट आपके स्पीड और एक्यूरेसी दोनों को बैलेंस करना सिखाते हैं. इस एग्जाम में टाइम मैनेजमेंट सबसे बड़ा फैक्टर होता है.

3. गलतियों की पहचान

कई बार स्टूडेंट्स लगता है कि टॉपिक तैयार है, लेकिन जब मॉक टेस्ट देते हैं तो पता चलता है कि सवाल अलग एंगल से भी आ सकते हैं. यही पहचान सफलता और असफलता के बीच फर्क बनाती है.

4. आंसर राइटिंग प्रजेंटेशन स्किल्स

यूपीएससी सिर्फ नॉलेज का नहीं, बल्कि प्रजेंटेशन और राइटिंग स्किल्स का भी एग्जाम है. मॉक टेस्ट बार-बार प्रैक्टिस कराते हैं, जिससे लिखने का स्टाइल बेहतर होता है. ये परीक्षा में सक्सेस पाने के लिए काफी जरूरी माना जाता है.

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यूपीएससी एस्पिरेंट के लिए टेस्ट सीरीज क्यों जरूरी -Test Series for UPSC Aspirants

1. टॉपिक-वाइज स्ट्रॉन्ग प्रैक्टिस

टेस्ट सीरीज हर सब्जेक्ट और टॉपिक को कवर करती है, जिससे पूरे सिलेबस की पकड़ मजबूत होती है. इससे एग्जाम में सफलता पाने के चांस भी बढ़ते हैं.

2. कंसेप्ट क्लियरिटी

जब बार-बार टॉपिक-बेस्ड टेस्ट दिए जाते हैं तो बेसिक से लेकर एडवांस लेवल तक कॉन्सेप्ट क्लियर होते हैं. 

3. कमजोरियों की पहचान

सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह भी जानना जरूरी है कि कौन सा विषय आपका स्ट्रॉन्ग है और किसमें कमी है, ये टेस्ट सीरीज से तुरंत समझ आता है.

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4. कंसिस्टेंसी 

टेस्ट सीरीज एक यूपीएससी एस्पिरेंट को शेड्यूल पर बनाए रखने में मदद करती है, जिससे हर दिन पढ़ाई में ढील या किसी तरह की लापरवाही नहीं आती है और तैयारी मजबूत होती है.

5. ग्रेजुअल प्रोग्रेस

हर नए टेस्ट के साथ एस्पिरेंट्स देखते हैं कि उनकी परफॉर्मेंस धीरे-धीरे कैसे सुधर रही है. इससे कहां कमी है इसका पता चलता है और आगे की तैयारी ज्यादा बेहतर तरीके से हो पाती है.

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UPSC टॉपर्स क्या कहते हैं

शक्ति दुबे (AIR 1, 2024)

प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे ने कई इंटरव्यू में जिक्र किया, 'मैंने हफ्ते में कम से कम 2 मॉक टेस्ट जरूर दिए. हर पेपर को एनालाइज करना, गलतियों को सुधारना और दोबारा कोशिश करना ही मेरी सफलता की चाबी रही.'

हर्षिता गोयल (AIR 2, 2024)

इसी परीक्षा में दूसरा रैंक हासिल करने वाली हर्षिता गोयल ने कहा, 'टेस्ट सीरीज से मुझे टॉपिक-वाइज मजबूती मिली और मॉक टेस्ट से रियल एग्जाम जैसा एक्सपीरिएंस मिला. इन दोनों का कॉम्बिनेशन ही रैंक लाने में मददगार रहा.'

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UPSC एस्पिरेंट्स के लिए 5 जरूरी टिप्स

1. एक्सपर्ट्स के अनुसार, तैयारी के शुरू से ही टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट शुरू करें.

2. सिर्फ टेस्ट देना काफी नहीं है, उन्हें एनालाइज करें और देखें कहां सुधार करना है.

3. छोटे-छोटे पॉइंट्स, डायग्राम और स्ट्रक्चर्ड आंसर ज्यादा स्कोर दिलाते हैं.

4. हफ्ते में कम से कम एक या दो मॉक टेस्ट देना जरूरी है.

5. अगर आप कोचिंग जॉइन किए हैं तो टीचर्स से अपने आंसर चेक करवाएं, फीडबैक लें.

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