गुजराती की रेशमाबेन हिरानी की क्लास, किताब से नहीं Puzzel और क्रॉसवर्ड से समझाती हैं साइंस के कॉन्सेप्ट 

Reshmaben Hirani: गुजरात के कुकमा में स्थित 'पीएम श्री' कुकमा प्राथमिक विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका रेशमाबेन हिरानी ने अपने नवाचार से यह साबित कर दिया है कि बच्चों को साइंस जैसे कठिन विषयों को भी खेल-खेल में पढ़ाया जा सकता है. वह बच्चों को पढ़ाने के लिए पजल, क्रासवर्ड, सांप-सीढ़ी जैसे खेल-खिलाती हैं.

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गुजराती की रेशमाबेन हिरानी की क्लास, किताब से नहीं Puzzel और क्रॉसवर्ड से समझाती हैं साइंस के कॉन्सेप्ट 
नई दिल्ली:

Reshmaben Hirani: गुजरात के कच्छ जिले के भुज तहसील के कुकमा में स्थित 'पीएम श्री' कुकमा प्राथमिक विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका रेशमाबेन हिरानी ने अपने अद्वितीय नवाचार से न केवल विज्ञान जैसे जटिल विषय को विद्यार्थियों के लिए आसान और रोचक बनाया है, बल्कि उनकी इस कोशिश को राज्य स्तर पर भी सराहा गया है. उनके नवाचार ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकती है, जब शिक्षक अपने प्रयासों और नवाचारों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करते हैं.

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जिगसॉ पजल, क्रॉसवर्ड और सांप-सीढ़ी 

विज्ञान जैसे कठिन विषय को बच्चों के लिए आसान बनाने के लिए रेशमाबेन ने कई अभिनव खेलों का विकास किया. उनके नवाचार के तहत बच्चों को कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं के विज्ञान पाठ्यक्रम को समझाने के लिए विभिन्न प्रकार के खेलों का सहारा लिया गया. इन खेलों में जिगसॉ पजल, क्रॉसवर्ड, स्टिक पपेट, कार्ड्स, सांप-सीढ़ी और टिक-टैक-टो जैसे खेल शामिल हैं, जिनमें बच्चे विज्ञान के विभिन्न विषयों को आसानी से समझ पाते हैं. खास बात यह है कि इन खेलों को बच्चों को मोबाइल गेम्स से दूर रखने के उद्देश्य से हार्डबोर्ड पर तैयार किया गया है, जिससे वे मोबाइल की बजाय खेल-खेल में शिक्षा प्राप्त कर सकें.

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राज्यभर के 50 से अधिक स्कूलों में प्रयोग

रेशमाबेन के इनोवेशन को पहले जोन स्तर पर प्रथम स्थान मिला और बाद में इसे राज्य स्तरीय इनोवेशन मेले में प्रस्तुत किया गया, जहां उनकी कृतियों को व्यापक सराहना मिली. गुजरात शैक्षिक एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित इस मेले में रेशमाबेन को उनके योगदान के लिए ट्रॉफी और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया. उनके इनोवेशन को अब राज्यभर के 50 से अधिक स्कूलों में इस्तेमाल किया जा रहा है, और उनकी तैयार की गई गेम्स की पीडीएफ फाइलें बच्चों को शिक्षा में मदद कर रही हैं.

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शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया

रेशमाबेन ने वर्ष 2010 में भुज के अटलनगर प्राथमिक विद्यालय में अपने शैक्षिक जीवन की शुरुआत की थी और तब से वे बच्चों को विज्ञान विषय में रुचि दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. साल 2013 से वह कुकमा प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं, जहां उन्होंने छात्रों के लिए अद्भुत शैक्षिक प्रयोग किए हैं. उन्हें वर्ष 2022-2023 के लिए प्रतिभाशाली शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

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कठिन विषयों को भी सरल तरीके से समझाती

कक्षा आठ की छात्रा गुसाई कृपाली ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पहले विज्ञान बहुत कठिन लगता था, लेकिन अब हम इसे बहुत आसानी से समझ पाते हैं. हमारी टीचर रेशमाबेन हमें सरल भाषा में समझाती हैं. जब पीएम मोदी विज्ञान को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो हमें लगता है कि हम भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं. वहीं एक छात्रा क्रिशा ने कहा कि हमारी शिक्षिका हमें अच्छे से विज्ञान पढ़ाती हैं और हमें कठिन विषयों को भी सरल तरीके से समझाती हैं. उनका तरीका बहुत अच्छा है और हमें इससे बहुत मदद मिल रही है.

सरकार स्कूलों में भी दी जा सकती है अच्छी शिक्षा

वहीं, शिक्षिका रेशमाबेन ने बताया कि सरकारी स्कूलों में भी अच्छी शिक्षा दी जा सकती है, बशर्ते शिक्षक बच्चों के लिए सही तरीके से प्रयास करें. वह मानती हैं कि बच्चों के परिणाम में सुधार तभी संभव है जब शिक्षक अपने प्रयासों को सही दिशा में लगाते हैं. रेशमाबेन का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के विज्ञान को बढ़ावा देने के प्रयासों से प्रेरित होकर उन्होंने यह इनोवेशन शुरू किया, और अब उनके प्रयासों का असर उनके विद्यार्थियों के परिणामों में साफ नजर आ रहा है.

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